Move to Jagran APP

महराजगंज के परिषदीय विद्यालयों में नहीं पहुंचीं किताबें, कैसे हो पढ़ाई

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित जिले के 2259 विद्यालयों में अध्ययनरत कुल 266961 छात्रों के लिए करीब 90 फीसद पुस्तकें जनपद को प्राप्त हो चुकी हैं। ब्लाक स्तर पर यह किताबें बीआरसी कार्यालय को प्राप्त भी हो चुकी हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Sep 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sat, 11 Sep 2021 06:10 AM (IST)
महराजगंज के परिषदीय विद्यालयों में नहीं पहुंचीं किताबें, कैसे हो पढ़ाई
महराजगंज के परिषदीय विद्यालयों में नहीं पहुंचीं किताबें, कैसे हो पढ़ाई

महराजगंज : कोरोना संक्रमण से राहत मिलने पर परिषदीय विद्यालय तो एक सितंबर से खुल गए, लेकिन विद्यार्थियों की पढ़ाई अभी भी रफ्तार नहीं पकड़ पा रही। कारण विद्यालयों में अब तक किताबें नहीं पहुंच पाई हैं। ऐसे में पूरी कक्षा को एक-दो पुरानी किताबें जुटाकर बमुश्किल पढ़ाया जा रहा है। यह स्थिति एक-दो नहीं, बल्कि जिले के लगभग सभी परिषदीय विद्यालयों की है। सिर्फ ग्रामीण नहीं, नगर क्षेत्र के भी सैकड़ों विद्यालयों में अब तक नए सत्र की किताबें नहीं पहुंची हैं। ऐसे में शिक्षक एक या दो सेट पुरानी किताबों के जुटाकर विद्यार्थियों को नई कक्षा के सबक पढ़ाकर विद्यालय में रोकने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। नौ सौ रुपये भाड़ा व 10 किमी प्रति लीटर डीजल पर हुआ है टेंडर

loksabha election banner

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित जिले के 2259 विद्यालयों में अध्ययनरत कुल 266961 छात्रों के लिए करीब 90 फीसद पुस्तकें जनपद को प्राप्त हो चुकी हैं। ब्लाक स्तर पर यह किताबें बीआरसी कार्यालय को प्राप्त भी हो चुकी हैं। योजना के मुताबिक विद्यालयों तक पुस्तकें पहुंचाने के लिए जिले के ही फर्म वन कंस्ट्रक्शन को प्रति विद्यालय नौ सौ रुपये भाड़ा व प्रति 10 किमी लीटर डीजल पर टेंडर भी दिया जा चुका है। लेकिन मनमानी और लापरवाही का आलम यह है कि अभी भी 60 फीसद से अधिक विद्यालयों को पुस्तकें नहीं मिल सकी हैं। इसको लेकर जिम्मेदार अधिकारी भी हाथ-पर हाथ धरे बैठे हैं। पहले शिक्षकों पर दबाव बनाकर हुआ था गोलमाल का प्रयास

विद्यालयों तक संबंधित फर्म द्वारा पुस्तकें न पहुंचाने के मामले में विभाग का भी दोष कम नहीं हैं। विद्यालय खुलने के अगले ही दिन से प्रधानाध्यापकों पर दबाव बनाकर विभाग द्वारा पुस्तकें खुद ले जाने का फरमान सुनाया गया था। सदर बीआरसी कार्यालय से दर्जनों प्रधानाध्यापक खुद गाड़ी बुक कर कुछ पुस्तकें ले भी गए थे। लेकिन शिक्षक संघ के विरोध करने पर यह कार्य रोक दिया गया था। पुरानी किताबों से हो रही पढ़ाई

शुक्रवार को मिठौरा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय कसमरिया और सदर ब्लाक के कंपोजिट बैजनाथपुर कला विद्यालय पर जागरण की पड़ताल में बच्चे पुरानी किताबों से पढ़ाई करते मिले। कसमरिया प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य चंद्रशेखर चौरसिया व बैजनाथपुर कला के एकरामुल हक ने बताया कि अभी तक बीआरसी से किताबें नहीं मिली हैं। किताबें मिलने के बाद बच्चों में वितरित कर दिया जाएगा। लापरवाही पर होगी कार्रवाई : बीएसए

जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ओपी यादव का कहना है कि किताबें ब्लाक संसाधन केंद्रों पर पहुंचाई जा चुकी हैं, विद्यालयों को उनका वितरण किया जा रहा है। संबंधित फर्म द्वारा अगर लापरवाही की जा रही है तो इस मामले में जांचकर कार्रवाई की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.