Move to Jagran APP

मुनाफे के लिए दूध का काला कारोबार

गोरखपुर : जिस दूध को शुद्ध मानकर आप इस्तेमाल कर रहे हैं वह मानक पर खरा नहीं हैं। मुनाफे

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Mar 2018 12:25 PM (IST)Updated: Wed, 21 Mar 2018 12:25 PM (IST)
मुनाफे के लिए दूध का काला कारोबार
मुनाफे के लिए दूध का काला कारोबार

गोरखपुर : जिस दूध को शुद्ध मानकर आप इस्तेमाल कर रहे हैं वह मानक पर खरा नहीं हैं। मुनाफे के लिए दूधिये से लेकर ब्रांडेड कंपनियां तक दूध में धड़ल्ले से मिलावट कर रही हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की तरफ से लिए गए सैंपल की जो रिपोर्ट इस साल अब तक मिली है उसमें दूध के आधे से ज्यादा सैंपल सब-स्टैंडर्ड या मिस ब्रांडेड (अधोमानक) पाए गए हैं। हालांकि राहत इस बात की है कि दूध की जांच में ऐसे तत्व नहीं पाए गए हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक हों।

loksabha election banner

------------

68 फीसद दूध मानक पर खरा नहीं

भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के सर्वे रिपोर्ट के अनुसार देश में वितरित होने वाला 68 फीसद दूध खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के अनुरूप नहीं हैं। इससे स्पष्ट है कि दूध में बड़े पैमाने पर मिलावट की जा रही है। ये मिलावट पानी के साथ कई अन्य चीजों की भी हो सकती है। कई बार मुनाफाखोर पानी के अलावा दूसरी चीजें भी दूध में मिला देते हैं, जिसके पीछे उनका उद्देश्य होता है कि दूध में फैट भी कम न हो और यह गाढ़ा भी रहे।

-------------

पिछले साल मंडल में 393 सैंपल लिए गए

गोरखपुर मंडल के चार जिलों की बात करें तो साल 2017-18 में विभागीय निरीक्षकों ने अलग-अलग जगहों से दूध के कुल 393 सैंपल एकत्र किए। इन सभी को जांच के लिए भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट बारी-बारी आ रही है। इस साल विभाग को अब तक दूध की 403 रिपोर्ट मिली है। इन रिपोर्ट में कई ऐसी हैं जिसका सेंपल इस साल लिया गया था, जबकि कुछ ऐसी भी रिपोर्टे शामिल हैं, जिनका सेंपल पिछले वित्तीय वर्ष में लिया गया था। दूध के सैंपल की जो रिपोर्ट विभाग को मिली है उसमें आधा से ज्यादा सैंपल अधोमानक पाए गए हैं। इससे यह साबित हो गया है कि दूध में मिलावट धड़ल्ले से की जा रही है।

..........

तीन बिंदुओं पर होती है जांच

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग एकत्र किए गए सैंपल की जांच तीन बिंदुओं पर करता है। पहला बिंदु सब स्टैंडर्ड या मिस ब्रांडेड होता है। इस कैटेगरी में ऐसे दूध को रखा जाता है जिसमें दूध की क्वालिटी या पैकेट की लिखावट आदि में अंतर होता है। दूसरा बिंदु अनसेफ होता है, जिसमें ऐसे दूध को पीने से व्यक्ति बीमार हो सकता है या उसकी सेहत के लिए यह नुकसानदायक होता है। तीसरा बिंदु वायलेंस आफ रूल होता है, जिसमें दूध बिक्री के नियमों का उल्लंघन होता है।

--------------

इस साल की ये रही स्थिति

जनपद सैंपल रिपोर्ट

गोरखपुर 168 157

देवरिया 82 89

कुशीनगर 87 92

महराजगंज 56 65

(नोट ये आंकड़े फरवरी 2018 तक के हैं। सैंपल के आंकड़े इस साल एकत्र किए गए सैंपल के हैं, जबकि रिपोर्ट के आंकड़े इस साल मिली रिपोर्ट के हैं। रिपोर्ट में पिछले साल के सैंपल भी शामिल हो सकते हैं।)

इनसेट

जनपद सब स्टैंडर्ड अनसेफ वायलेंस

गोरखपुर 97 00 00

देवरिया 59 00 00

कुशीनगर 62 01 00

महराजगंज 36 00 00

वर्जन

'दूध की शुद्धता परखने के लिए नियमित तौर पर सैंपल लिए जाते हैं। गोरखपुर मंडल में इस साल मिली रिपोर्ट में कुशीनगर के एक मामले को छोड़कर कहीं भी अनसेफ दूध के रिपोर्ट नहीं मिले हैं। सब स्टैंडर्ड पाए गए नमूनों के मामले में कार्रवाई की जा रही है।'

- प्रभुनाथ सिंह, सहायक आयुक्त, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग, गोरखपुर मंडल

बातचीत

'दूध के स्वाद में तो असर पड़ ही रहा है। पहले गांव पर जैसा दूध मिलता था उस स्वाद का दूध अब नहीं मिलता है। चाहे वह पैकेट का हो या फिर ग्वाले का।'

- अंजू तिवारी, गोरखनाथ

'दूध में मिलावट तो हो रही है। कई बार ग्वाला बदल चुकी हूं। पैक दूध बेचने वाली कंपनियों के भी दूध ट्राई किया, लेकिन शुद्धता कहीं भी नहीं मिलती।'

- वंदना पांडेय, शास्त्रीपुरम

'विभाग के लोग चेकिंग कब और कहां करते हैं हमें तो कुछ नजर नहीं आता है। अगर सख्ती की जाए तो मुझे नहीं लगता है मिलावट पर असर नहीं पड़ेगा।'

- संध्या राय, ट्रांसपोर्ट नगर

'खुले दूध के मुकाबले कंपनियों के दूध ज्यादा बेहतर लगते हैं। हालांकि चाय या फिर अन्य उत्पादों को बनाने में ही इनका इस्तेमाल किया जाता है, पीना तो दूर की बात है।'

- सिद्धि मिश्र, शाहपुर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.