यूपी चुनाव 2022 : भाजपा ने गोरखपुर व बस्ती मंडल में आठ विधायकों के टिकट काटे
कैम्पियरगंज से विधायक फतेह बहादुर सिंह पिपराइच विधायक महेंद्र पाल सिंह बांसगांव विधायक विमलेश पासवान पर पार्टी ने दोबारा भरोसा जताते हुए टिकट दिया है तो वहीं चिल्लूपार सीट से पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे राजेश त्रिपाठी को भी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है।
गोरखपुर, जागरण सांवाददाता। भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को गोरखपुर-बस्ती मंडल की 26 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की, जिनमें आठ सीटों पर विधायकों का टिकट कटा है। गाेरखपुर जिले की नौ विधानसभा सीटों में सात पर प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं। सबसे पहले गोरखपुर सदर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रत्याशी घोषित किया गया। शुक्रवार को छह सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा में दो सीटों पर विधायकों का टिकट कटा है। सहजनवां से शीतल पांडेय की जगह क्षेत्रीय मंत्री प्रदीप शुक्ल को प्रत्याशी बनाया गया है। खजनी से विधायक संत प्रसाद की जगह प्रदेश सरकार में मंत्री श्रीराम चौहान को मैदान में उतारा गया है। देवरिया जिले में विधानसभा की सात सीटें हैं, इनमें तीन पर विधायकों का टिकट कटा, देवरिया सदर से शलभ मणि त्रिपाठी मैदान में उतारे गए हैं। दो सीटों पर प्रत्याशी अभी घोषित नहीं किए गए हैं।
कुशीनगर में कटा तीन विधायकों का टिकट
कुशीनगर की तीन विधानसभा सीटों पर घोषित प्रत्याशी नए हैं। तीन विधायकों का टिकट कटने से भाजपा में खलबली है। सिद्धार्थनगर की पांच सीटों में चार पर मौजूदा विधायक टिकट पाने में सफल हो गए हैं। एक सीट शोहरतगढ़ अपना दल-एस के खाते में गई है। प्रत्याशी की घोषणा अभी बाकी है। संतकबीरनगर की तीन विधानसभा सीटों में दो पर भाजपा ने नए चेहरों को मैदान में उतारा है, एक सीट मेंहदावल निषाद पार्टी के पक्ष में जाने की चर्चा है, अभी प्रत्याशी घोषित नहीं है। बस्ती की पांच में चार सीटों पर पार्टी ने पुराने चेहरे पर भरोसा जताया है, एक सीट पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
गोरखपुर में चार चेहरों पर दोबारा दांव, दो बदले
गोरखपुर जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सदर सीट से पहले ही प्रत्याशी घोषित कर चुकी भाजपा ने शेष आठ सीटों में से छह पर शुक्रवार को प्रत्याशी घोषित कर दिए। तीन विधायकों समेत चार प्रत्याशियों को जहां दोबारा मौका दिया गया है वहीं दो विधायकों का टिकट काटकर नया चेहरा उतारा गया है। कैम्पियरगंज से विधायक फतेह बहादुर सिंह, पिपराइच विधायक महेंद्र पाल सिंह, बांसगांव विधायक विमलेश पासवान पर पार्टी ने दोबारा भरोसा जताते हुए टिकट दिया है तो वहीं चिल्लूपार सीट से पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे राजेश त्रिपाठी को भी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। सहजनवां विधायक शीतल पांडेय का टिकट काटते हुए पार्टी ने यहां से क्षेत्रीय मंत्री प्रदीप शुक्ला को प्रत्याशी बनाया है तो खजनी सुरक्षित सीट से पार्टी ने विधायक संत प्रसाद का टिकट काटकर मंत्री रहे श्रीराम चौहान को मैदान में उतारा है। गोरखपुर ग्रामीण सीट पर निषाद पार्टी से गठबंधन को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है तो चौरीचौरा सीट पर भी प्रत्याशी के चयन को लेकर पार्टी में मंथन जारी है।
देवरिया में तीन विधायकों का टिकट कटा, दोनों मंत्रियों पर फिर भरोसा
देवरिया की सात में पांच सीटों पर टिकट घोषित हुआ, जिसमें तीन विधायकों के टिकट काट दिए गए। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही एवं पशुधन व मत्स्य राज्य मंत्री जयप्रकाश निषाद पर पार्टी ने भरोसा जताया है। सलेमपुर एवं भाटपार रानी विधानसभा क्षेत्र का अभी टिकट घोषित नहीं हुआ है। देवरिया सदर विधानसभा सीट से शलभमणि त्रिपाठी को टिकट देकर युवा चेहरे के रूप में नया संदेश दिया गया है। दूसरी तरफ बरहज विधानसभा सीट से विधायक सुरेश तिवारी का टिकट काटकर भाजपा के कद्दावर नेता रहे पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद मिश्र के पुत्र पूर्व ब्लाक प्रमुख दीपक मिश्र शाका को टिकट देकर जातिगत समीकरण को संतुलित करने का प्रयास किया है। रामपुर कारखाना विधानसभा क्षेत्र में विधायक कमलेश शुक्ला का भी टिकट काटकर उनके स्थान पर नया चेहरा पूर्व जिला पंचायत सदस्य व हिंदू युवा वाहिनी के नेता सुरेंद्र चौरसिया को टिकट देकर पिछड़ी जाति को साधने की कोशिश की गई है। दूसरी तरफ वीआइपी सीट माने जाने वाली पथरदेवा विधानसभा सीट से कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही एवं रुद्रपुर सीट से पशुधन एवं मत्स्य राज्य मंत्री जयप्रकाश निषाद को टिकट देकर भरोसा जताया है।
कुशीनगर में भाजपा के तीन विधायकों का कटा टिकट
कुशीनगर की तीन सीटों कुशीनगर, हाटा व फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों को मैदान में उतारा गया है। नए चेहरे भी भाजपा के पुराने कार्यकर्ता ही हैं। पिछली बार भी भाजपा ने ऐसे ही कार्यकर्ताओं को तरजीह दी थी। संघ स्वयंसेवक से भाजपा तक का सफर करने वाले कुशीनगर के विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी का टिकट काटा है तो इसी पृष्ठभूमि के पुराने कार्यकर्ता पीएन पाठक को मैदान में उतारा है। पिछली बार भी इनके द्वारा टिकट की दावेदारी इस सीट से की गई थी, लेकिन टिकट नहीं मिला था। पहले भी ब्राह्मण चेहरा था तो इस बार भी पार्टी ने यहां से इस जाति के चेहरे काे तरजीह दी है। हाटा के विधायक पवन केडिया का टिकट काटा गया है तो पार्टी के पुराने कार्यकर्ता और हाटा नगरपालिका के अध्यक्ष माेहन वर्मा को मैदान में उतारा गया है। केडिया की तरह वर्मा भी वैश्य बिरादरी से ही आते हैं। फाजिलनगर में भी भाजपा ने पुराने घर पर ही विश्वास जताया है। यहां के विधायक गंगा सिंह का टिकट काटकर उनके लड़के सुरेन्द्र कुशवाहा को टिकट दिया है। मतलब नए प्रत्याशियों के चयन में पुराने कार्यकर्ताओं के साथ जातिगत समीकरण को भी साधने का कार्य किया है।
महाराजगंज में फरेंदा व पनियरा में भाजपा ने पुराने चेहरों पर जताया भरोसा
महराजगंज की पांच सीटों में पनियरा व फरेंदा सीट पर भाजपा ने प्रत्याशी उतार दिए हैं। पनियरा विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक व प्राक्कलन समिति के सभापति ज्ञानेंद्र सिंह को पुन: पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है। ज्ञानेंद्र सिंह चार बार विधायक रह चुके हैं। फरेंदा से घोषित प्रत्याशी विधायक बजरंग बहादुर सिंह भी तीन बार इसी सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं। फरेंदा विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के तीन व पनियरा विधानसभा क्षेत्र से आठ लोग टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने अपने पुराने चेहरों पर भरोसा जताते हुए उन पर उम्मीद जताया है। पनियरा से घोषित प्रत्याशी ज्ञानेंद्र सिंह व फरेंदा के बजरंग बहादुर सिंह लंबे समय से पार्टी संगठन से जुड़े हुए हैं। दोनों ने जबसे भाजपा का दामन थामा, तभी से संगठन से जुड़कर कार्य कर रहे हैं।
बस्ती की चार सीटों पर पुराने चेहरे पर लगाया दांव
बस्ती की पांच से चार सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने पुराने चेहरों पर ही दांव लगाया है। बस्ती सदर से दयाराम चौधरी,महादेवा से रवि सोनकर,कप्तानगंज से सीए चंद्रप्रकाश शुक्ल और हर्रैया से अजय सिंह को टिकट दिया गया है। यह सभी वर्तमान में विधायक हैं। रुधौली को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस सीट पर अपना दल एस और निषाद पार्टी ने भी दावेदारी की है। पिछले चुनाव में जातीय गणित को देखते हुए ही पार्टी ने प्रत्याशी उतारे थे। यह फार्मूला हिट हुआ और सपा एवं बसपा के प्रभाव वाले इस क्षेत्र मेें जिले की पांचों सीटें पार्टी की झोली में आ गई थी। इस बार टिकट को लेकर बड़ी संख्या में लोगों ने दावेदारी की थी लेकिन तमाम अटकलों और चर्चाओं को दरकिनार कर पार्टी ने पुराने चेहरों पर ही दांव खेला है।
सिद्धार्थनगर में दो मंत्रियों सहित चारों विधायकों को टिकट
सिद्धार्थनगर में जिले के पांच में चार विधानसभा सीटों पर भाजपा ने पुराने साथियों पर ही भरोसा जताया है। शोहरतगढ़ सीट अपना दल एस गठबंधन के पास गई है, जिसपर निर्णय होना बाकी है। बांसी विधानसभा सीट से भाजपा ने सात बार में छह बार कब्जा जमाने वाले जय प्रताप सिंह को फिर टिकट दिया है। जय प्रताप सिंह सूबे के आबकारी मंत्री और स्वास्थ मंत्री रह चुके हैं। इटवा विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार डाक्टर सतीश द्विवेदी को उम्मीदवार बनाया गया है। यह बेसिक शिक्षा मंत्री रहे हैं। डुमरियागंज से लगातार तीसरी बार विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह टिकट पाने में सफल हुए हैं। कपिलवस्तु विधानसभा सुरक्षित सीट से विधायक श्याम धनी राही भी दूसरी बार टिकट लेने में सफल रहे हैं। डुमरियागंज और कपिलवस्तु की दोनों सीट हिंदुत्व चेहरा है। दोनों उम्मीदवार हिन्दू युवा वाहिनी से जुड़े हैं।
संतकबीर नगर में घोषित दोनों प्रत्याशी नए
संतकबीर नगर की तीन विधानसभा सीट में से खलीलाबाद और धनघटा पर भाजपा ने प्रत्याशी घोषित कर दिया है। दोनों सीटों पर प्रत्याशी बदले गए हैं। खलीलाबाद सीट से जीते दिग्विजय नारायण उर्फ जय चौबे पार्टी छोड़कर सपा में चले गए हैं। यहां से अंकुर राज तिवारी को टिकट मिला है। धनघटा सीट से श्रीराम चौहान जीतकर प्रदेश सरकार में मंत्री बने थे। इस बार उनकी जगह पर गणेश चौहान को प्रत्याशी बनाया गया है। श्रीराम चौहान को धनघटा से सटे खजनी विधानसभा क्षेत्र में भेजा गया है। मेंहदावल विधानसभा की सीट निषाद पार्टी के पक्ष में जाने की चर्चा है। जनपद से घोषित दोनों प्रत्याशी युवा हैं।