बाइक चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार
बरामद दो बाइकों में से एक खजनी गोरखपुर से चुराई गई थी
जागरण संवाददाता, बस्ती : एसओजी और परशुरामपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने रविवार की रात चोरी की दो बाइकों के साथ चेारों के एक अंतरजनपदीय गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से दो देसी तमंचा, चार कारतूस, 12 हजार रुपये नकदी, चोरी की सात मोबाइल भी बरामद की गई हैं। पकड़े गए चोरों में लालगंज थाना क्षेत्र के पिपरपाती गांव के मुकेश कुमार यादव व बानपुर के रहने वाले विजय चौहान शामिल है। विजय इन दिनों संतकबीरनगर जिले के कोतवाली थानान्तर्गत बजरंग नगर में रहता था। इनका एक साथी फरार है।
यह जानकारी एसपी हेमराज मीणा ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में दी। बताया कि एसओजी टीम प्रभारी राजेश मिश्र व परशुरामपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह की संयुक्त टीम ने रविवार की रात 10.20 बजे पठकापुर परसरामपुर मार्ग पर बरहपुर पांडेय गांव के पास दोनों को गिरफ्तार किया। इनके पास से परशुरामपुर थाना क्षेत्र में एक महिला से छीने गये 25 हजार रुपयों में से 12 हजार रुपये भी बरामद किये गए। चोरी की जो दो बाइक बरामद की गई हैं उनमें एक गोरखपुर जनपद के खजनी थाना क्षेत्र से चुराई गई थी। इस पर कूटरचित नंबर प्लेट लगा था। वहीं दूसरी बाइक पर नंबर प्लेट नहीं लगा था। उसके बारे में पता लगाया जा रहा है। बताया कि इनकी गिरफ्तारी से चोरी की तीन घटनाओं का पर्दाफाश हुआ है। घूम-घूम कर देते हैं घटनाओं को अंजाम
पूछताछ करने पर मुकेश और विजय ने बताया कि उनके गिरोह में तीन सदस्य हैं। वे बस्ती व इसके आसपास के जनपदों में घूम-घूम कर लोगों से रुपये, मोबाइल, गहने व मोटरसाइकिल छीन लेते हैं या चोरी कर लेते हैं। जो असलहे उनके पास मिले हैं वो उसे वह छिनैती या चोरी के समय प्रयोग करते हैं। फर्जी नंबर प्लेट वाली बाइक को 15-20 दिन पहले खजनी (गोरखपुर) से चुराया गया था। बरामद रुपये 29 अक्टूबर को बेरता परशुरामपुर से एक महिला से छीना गया था। मोबाइलें भी अलग-अलग स्थानों से चुराई गई थी। विजय पर 12 तो मुकेश पर आठ मुकदमे
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार विजय चौहान पर कुल 12 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से पांच मुकदमे संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद कोतवाली में चार बस्ती के परशुरामपुर थाने में तो एक गोरखपुर के खजनी थाने में दर्ज है। वहीं मुकेश पर कुल आठ मुकदमा दर्ज है। इनमें एक खजनी गोरखपुर में तो अन्य बस्ती के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं।