सुमेर सागर ताल पर कब्जा करने में बड़ी कार्रवाई, सात रसूखदार भू-माफिया घोषित, गैंगस्टर भी लगेगा Gorakhpur News
गोरखपुर के सुमेर सागर ताल पर कब्जा करने के मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई है। इस मामले में सात रसूखदार भू-माफिया घोषित कर दिए गए हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर जिला प्रशासन ने किसी सरकारी जमीन पर कब्जे के मामले में अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर गौरव ङ्क्षसह सोगरवाल की जांच में खुलासा हुआ है कि ताल सुमेर सागर की जमीन पर कब्जा रसूखदार भूमाफिया ने राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से किया। इसमें नगर निगम व जीडीए के अधिकारी-कर्मचारियों की भी भूमिका रही है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने शनिवार को सात रसूखदारों को भू-माफिया घोषित करते हुए उनपर एफआइआर दर्ज करने व एंटी भूमाफिया एवं गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए मंडलायुक्त से सिफारिश की है। साथ ही तत्कालीन एसडीएम सदर, तहसीलदार एवं राजस्व कर्मियों पर भी कार्रवाई के लिए लिखा है।
ये हैं भूमाफिया
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में कृष्णदास अग्रवाल, अवधेश श्रीवास्तव, मुन्ना दादा, बसंत राव नागरकर, अशोक राव नागरकर, सुमित्रा देवी पुत्री पद्माकर राव व गोरखनाथ दादा उर्फ गोरखनाथ पर एफआइआर दर्ज करने व गैंगस्टर की कार्रवाई करने को कहा गया है। इनमें से मुख्य सूत्रधार बिल्डर कृष्ण दास अग्रवाल को माना गया है। वह शाहपुर के निवासी हैं, लेकिन इस समय नासिक में रहते हैं। उनकी गोरखपुर, वाराणसी में बिस्किट की फैक्ट्री भी है। अवधेश श्रीवास्तव व मुन्ना दास भी बिल्डर हैं। बसंत राव नागरकर, अशोक राव नागरकर बन्द हो चुके सिनेमाहाल के मालिक हैं। गोरखनाथ दास सिद्धार्थनगर के बांसी के हैं।
बिना जांच कर दिया खारिज दाखिल
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने 2004 से 2012-13 तक तैनात रहे एसडीएम सदर, तहसीलदार की भूमिका को भी संदिग्ध माना गया गया है। उनपर भी कार्रवाई की संस्तुति हुई है। 2006 में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने इस जमीन पर किसी भी निर्माण आदि पर रोक लगाई थी, लेकिन उसके बाद भी खारिज दाखिल हुआ। नगर निगम ने सड़क बनवा दी और जीडीए ने 2010 में भी नक्शा पास कर दिया। दोनों विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियोंं पर कार्रवाई के लिए नगर आयुक्त एवं जीडीए उपाध्यक्ष को निर्देशित करने में लिए मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर को पत्र लिखा गया है।
इन राजस्व कर्मियों पर गिरेगी गाज
रिपोर्ट में सदर तहसील के 13 लेखपाल और राजस्व निरीक्षक भी जिम्मेदार पाए गए हैं। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने कमिश्नर को जो नाम सौंपे हैं, उनमें राजस्व निरीक्षक विभूती प्रसाद, हरीराम पांडेय, दयाराम, खूबलाल, विश्वनाथ प्रसाद, विजय कुमार सिन्हा, लेखपाल दिग्विजय नाथ मिश्रा, ज्ञानचन्द श्रीवास्तव, गुलाबचन्द श्रीवास्तव, तुुफानी प्रसाद, ब्रह्मदेव पांडेय, मिथिलेश पांडेय और चंद्रभूषण ङ्क्षसह शामिल हैं। इनपर विभागीय कार्रवाई होगी।
सरकारी जमीन दर्ज
ताल सुमेर सागर को सरकारी जमीन के रूप में दर्ज लिया गया है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि रजिस्ट्री निरस्त कर उसे सरकारी जमीन के रूप में दर्ज किया गया है।
तोड़ा गया अवैध निर्माण
सुमेर सागर में शनिवार को भी अवैध निर्माण तोड़ा गया है। एक होटल की संपत्ति सहित एक मैरेज हाल व आधा दर्जन अन्य निर्माण तोड़ा गया। इस दौरान लोगों की भीड़ जमा रही।
सुमेर सागर की जमीन को फर्जी तरीके से बेचने वाले सात लोगों पर एफआइआर दर्ज कर गैंगेस्टर की कार्रवाई के लिए लिखा गया है। नगर निगम, जीडीए, राजस्व विभाग के जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई की संस्तुति मंडलायुक्त से की गई है। - गौरव सिंह सोगरवाल, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर।
कांग्रेस नेता राणा राहुल सिंह समेत 30 पर केस
गोरखनाथ पुलिस ने कांग्रेस नेता राणा राहुल सिंह समेत 30 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। सुमेर सागर ताल से अतिक्रमण हटाने के विरोध में कांग्रेस नेता समर्थकों के साथ धरना दे रहे हैं। सीओ गोरखनाथ प्रवीण सिंह ने बताया कि निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हुई है। सुमेर सागर ताल और नजूल की भूमि से प्रशासन अतिक्रमण हटवा रहा है। अतिक्रमण हटाने से बेघर हुए लोगों के साथ 30 जून को कांग्रेस नेता राणा राहुल सिंह ने धरना-प्रदर्शन किया था। प्रशासन की कार्रवाई तेज होने पर शनिवार शाम को भी राणा राहुल सिंह समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच गए। कार्रवाई का विरोध करते हुए धरने पर बैठ गए। गोरखनाथ पुलिस ने धरने पर बैठे लोगों को हटाने का प्रयास किया, लेकिन कांग्रेसी नहीं माने। गोरखनाथ पुलिस ने राणा राहुल सिंह के साथ तेज प्रताप, लीलावती, मुकुंद, अभिनव, शिव कुमार, अवनीश, गोविंद, श्रवण, तबरेज समेत 15 नामजद और 15 अज्ञात के खिलाफ निषेधाज्ञा के उल्लंघन और महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। सीओ गोरखनाथ प्रवीण सिंह ने बताया कि धरना प्रदर्शन की वीडियोग्राफी कराई गई है। फुटेज की मदद से अज्ञात लोगों की पहचान की जाएगी।