भूटान की राजकुमारी ने कुशीनगर में की विशेष पूजा
रायल भूटान की राजकुमारी डेचन वाग्मो वागचुंक कुशीनगर में विशेष पूजा कीं। इसके बाद बुद्ध से जुड़े सभी स्थलों पर गई और जानकारी लीं।
गोरखपुर, जेएनएन। रॉयल भूटान के तीसरे राजा की पुत्री राजकुमारी देचन वाग्मो वागचुक ने शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थली कुशीनगर स्थित भगवान बुद्ध से संबंधित प्राचीन स्थलों का दर्शन और विशेष पूजा की।
सर्वप्रथम वे सात सदस्यीय शिष्टमंडल के साथ महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर पहुंची भिक्षुओं ने उन्हें बौद्ध परम्परा के अनुसार खाता देकर उनका स्वागत किया। उन्होंने वहा लगभग दो घंटे बिताए। इस दौरान वे बुद्ध पूजा में पूरी तरह लीन रहीं। उन्होंने तथागत की लेटी प्रतिमा पर श्रद्धापूर्वक चीवर चढ़ाया। राजकुमारी ने बौद्ध भिक्षुओं को दान भी दिया। महापरिनिर्वाण स्तूप की परिक्रमा कर माथाकुंवर बुद्ध मंदिर पहुंच कर वहा भी पूजा की। दोपहर बाद बुद्ध के अंतिम संस्कार स्थल पर निर्मित रामाभार स्तूप की पूजा की।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा उन्हें पुरातत्व साहित्य भेंट किया गया।इस अवसर पर भंते नन्दिका, भंते अशोक, सिंगयेला, जमयाग दोर्जी, दोर्जी वागडी, नीमा शेरिंग, कर्मा गले, उग्येन पेन्जोर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, कुशीनगर के संरक्षण सहायक अविनाश चंद्र त्रिपाठी,जूनियर सीए जे राज, चौकी प्रभारी मुकेश कुमार मिश्र, एसआई निकिता सिंह, टूरिस्ट पुलिस आदि उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि रायल भूटान की राजकुमारी डेचन वाग्मो वागचुक शुक्रवार की शाम भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर पहुंची। यहा पहुंचने पर प्रशासन की ओर से कसया के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिषेक पाडेय ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। तब राजकुमारी ने भी हाथ मिलाकर उनको थैंक्स बोला। उनके साथ सात सदस्यीय शिष्ट मंडल आया है। राजकुमारी का काफिला सुरक्षा बंदोबस्त के बीच होटल मे पहुंचा। वह श्रावस्ती से दोपहर लगभग 11.30 बजे चलकर कुशीनगर पहुंची थीं। होटल पहुंचने पर लिफ्ट के माध्यम से बिना किसी से बातचीत किए सीधे वह अपनी सूट में चली गईं।