Corona fighters: दो बार पाजिटिव हुईं भटहट की बीडीओ, करती रहीं कर्तव्यों का निर्वहन Gorakhpur News
कृतिका की बीडीओ के रूप में भटहट में पहली तैनाती है। पहली लहर में कोरोना पर नियंत्रण के लिए वह काफी सक्रिय रहीं। गांवों में क्वारंटाइन सेंटर बनाना बाहर से आने वाले लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में रुकवाने व उन्हें भोजन आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने में लगी रहीं।
गोरखपुर, जेएनएन। भटहट की खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) कृतिका अवस्थी कोरोना की दूसरी लहर में कुछ दिनों के अंतराल पर दो बार पाजिटिव हो गईं लेकिन कर्तव्यों का निर्वहन करती रहीं। उन्होंने घर में आइसोलेट रहकर फोन के जरिए मतदान एवं मतगणना से जुड़ा काम किया और दोनों बार स्वस्थ भी हुईं। कृतिका कोरोना की पहली लहर में भी पाजिटिव हुई थीं।
बीडीओ के रूप में पहली तैनाती
कृतिका की बीडीओ के रूप में भटहट में पहली तैनाती है। पहली लहर में कोरोना पर नियंत्रण के लिए वह काफी सक्रिय रहीं। गांवों में क्वारंटाइन सेंटर बनाना, बाहर से आने वाले लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में रुकवाने व उन्हें भोजन आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने में लगी रहीं। लगातार फील्ड में रहने के कारण वह पांच मई 2020 को पाजिटिव हो गई थीं। उस दौरान भी घर में रहकर व जरूरी एहतियात बरतते हुए वह निगेटिव हुईं।
दूसरी लहर में भी हुईं पाजिटिव
दूसरी लहर के दौरान त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी बीडीओ के रूप में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने 14 अप्रैल को मतदान पार्टियां रवाना करने से लेकर 15 अप्रैल को मतदान कराने तक फील्ड में सक्रियता दिखाई। इस दौरान कुछ लक्षण आने पर 16 को कोरोना की जांच हुई तो पाजिटिव निकलीं। उन्होंने स्वयं को घर में ही आइसोलेट कर लिया और डाक्टर से पूछकर दवाएं लेना शुरू कर दिया। इसके साथ घरेलू उपाय भी करती रहीं। घर पर रहते हुए भी मतगणना की तैयारियों को लेकर कर्मचारियों से फोन पर संपर्क में रहीं। कृतिका बताती हैं कि इससे मन में नकारात्मक भाव नहीं आते थे। 26 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई। दो मई को मतगणनाोस जुड़ी बैठक करने के बाद एक बार फिर वह पाजिटिव हो गईं। इस बार भी घर पर रहकर इलाज किया और फोन के जरिए विभागीय कार्यों पर नजर रखती रहीं। 13 मई को उनकी रिपोर्ट एक बार फिर निगेटिव आई और वह कार्यालय आना शुरू कर चुकी हैं।