विदेशों व दूसरे प्रांतों में कोरोना से जान गंवाने वालों के आश्रितों को नहीं दिया जा रहा लाभ
विदेशों व दूसरे प्रांतों में कोरोना से देवरिया के जान गंवाने वालों के आश्रितों को उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ देने में विभाग असमंजस में है। आवेदकों ने जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय पर जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। विदेशों व दूसरे प्रांतों में कोरोना से देवरिया के जान गंवाने वालों के आश्रितों को उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ देने में विभाग असमंजस में है। आवेदकों ने जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय पर जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया है। जबकि विभाग का कहना है कि शासनादेश में विदेशों व दूसरे प्रांतों में कोरोना से जान गंवाने वालों के आश्रितों के बारे में कोई जिक्र नहीं है। इसलिए महिला कल्याण निदेशक से मार्गदर्शन मांगा जाएगा।
योजना का लाभ देने के लिए चयनित हैं 265 बच्चे
जिले में अबतक 265 बच्चों को इस योजना का लाभ देने के लिए पात्र पाया गया है, जिसमें 143 बच्चों को जुलाई, अगस्त व सितंबर का चार हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से 12 हजार रुपये भेजे गए। शेष 122 बच्चों के लिए बजट की मांग शासन से की गई है। जबकि 20 ऐसे बच्चे हैं, जिनके अभिभावकों की मौत विदेश या दूसरे प्रांत में कोरोना संक्रमण के चलते हुई है, ऐसे बच्चों के आवेदन पर अभी विचार नहीं किया जा रहा है।
पात्रता पूरी करने के बाद भी नहीं मिल रहा योजना का लाभ
भटनी क्षेत्र के बेलवा बाबू के रहने वाले आनंद कुमार शाही की मौत चार माह पहले कोरोना से छत्तीसगढ़ के रायपुर में हो गया। वह 28 दिनों तक अस्पताल में भर्ती थे। परिवार में बेटी अदिति (14 वर्ष) व पुत्र शाश्वत शाही (नौ वर्ष) के अलावा पत्नी पूजा हैं। पत्नी का कहना है कि पात्रता पूरी करने के बाद भी दूसरे प्रांत में कोरोना से मौत होने की बात कहकर विभाग आवेदन पर विचार नहीं कर रहा है।
शासनादेश में नहीं है कोई दिशा-निर्देश
जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल सोनकर ने बताय कि शासनादेश में विदेशों व दूसरे प्रांतों में कोरोना से मौत होने पर उनके आश्रितों को इस योजना का लाभ देने के बारे में कोई जिक्र नहीं है। इसलिए परिवार कल्याण निदेशक से मार्गदर्शन मांगा जाएगा।
क्या कहता है शासनादेश
प्रदेश में कोविड-19 से माता-पिता व संरक्षक की मृत्यु होने से अनाथ हुए शून्य से 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा। लाभार्थी अनिवार्य रूप से उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो। परिवार की आय तीन लाख वार्षिक से अधिक न हो। एक परिवार के सभी बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा।