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Manish murder case: पूछताछ से पहले सीबीआइ ने देखे सभी स्पाट, जांच को लेकर गोपनीयता बरत रही टीम

कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड की जांच में आई सीबीआइ ने गवाहों से पूछताछ से उन सभी स्पाटों का बाह्य अवलोकन किया जहां मनीष ले जाया गया था। सीबीआइ ने होटल कृष्णा पैलेस मानसी हास्पिटल मेडिकल कालेज का भी बाह्य अवलोकन किया।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Sat, 13 Nov 2021 11:21 AM (IST)Updated: Sat, 13 Nov 2021 01:50 PM (IST)
Manish murder case: पूछताछ से पहले सीबीआइ ने देखे सभी स्पाट, जांच को लेकर गोपनीयता बरत रही टीम
कानपुर के व्‍यापारी मनीष गुप्‍ता हत्‍याकांड की सीबीआइ ने जांच शुरू की। फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड की जांच में आई सीबीआइ ने गवाहों से पूछताछ से उन सभी स्पाटों का बाह्य अवलोकन किया, जहां मनीष ले जाया गया था। सीबीआइ ने होटल कृष्णा पैलेस, मानसी हास्पिटल, मेडिकल कालेज का भी बाह्य अवलोकन किया। इसके लिए सीबीआइ की टीम ने एक गाइड का भी सहयोग लिया था। माना जा रहा है कि सीबीआइ ने तीनों स्पाटों का बाह्य अवलोकन इस लिए किया कि उन्हें जब यहां जाने की जरूरत हो तो किसी अन्य व्यक्ति का सहयोग न लेना पड़े।

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सीन रिक्रिएशन कराएगी सीबीआइ टीम

11 नवंबर की शाम से लेकर 12 नवंबर की शाम तक सीबीआइ शहर के सभी उन स्थानों का बाह्य अवलोकन कर रही है, जहां रामगढ़ताल थाना पुलिस मनीष को इलाज के नाम पर ले गई। जांच के दौरान एसआइटी द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों व दस्तावेजों के अध्ययन के बाद एसआइटी का अगला कदम सीन रिक्रिएशन हो सकता है। इसमें सीबीआइ को होटल से लेकर हास्पिटल व मेडिकल कालेज जाने की आवश्यकता होगी।

जांच में गोपनीयता बरत रही सीबीआइ

जांच में पूरी गोपनीयता व निष्पक्षता बनी रहे, इस लिए सीबीआइ अपने साथ इसकी जांच के लिए किसी और ले जाने वाली नहीं है। आने के बाद से सीबीआइ अपनी गतिविधियों को लेकर पूरी गोपनीयता बरत रही है, यहां वह ठहरी हुई है, उन लोगों को भी सीबीआइ के जाने-आने की कोई जानकारी नहीं है।

27 सितंबर की रात में हुई थी हत्‍या

कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता बीते 27 सितंबर को अपने दो दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने के लिए आए थे। वह यहां रामगढ़ताल थाने से तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस में ठहरे हुए थे। 27 सितंबर की रात में होटल के कमरे में जांच में पहुंची पुलिस ने मनीष व उनके दोस्तों की पिटाई की थी। इससे मनीष की मौत हो गई थी। घटना को लेकर मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक जगत नारायण समेत छह पुलिस कर्मियों पर हत्या का आरोप लगाया था। सभी पुलिस कर्मियों को निलंबित करने के बाद उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। इस समय आरोपित निरीक्षक जगत नारायण सिंह, दारोगा अक्षय मिश्रा सहित छहों आरोपित पुलिस कर्मी जेल में बंद हैं।


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