क्योंकि मर्द को दर्द होता है या फिर डर लगता है, इसलिए....
परिवार नियोजन का अभियान आधी आबादी के भरोसे चल रहा है। नसबंदी के लिए महिलाएं ही आगे आ रही हैं। पुरुषों की संख्या एक प्रतिशत से भी कम है। इस साल जनवरी से नवंबर तक 3166 महिलाओं ने नसबंदी कराई। पुरुषों की संख्या मात्र 26 है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। परिवार नियोजन का अभियान आधी आबादी के भरोसे चल रहा है। नसबंदी के लिए महिलाएं ही आगे आ रही हैं। पुरुषों की संख्या एक प्रतिशत से भी कम है। इस साल जनवरी से नवंबर तक 3166 महिलाओं ने नसबंदी कराई। पुरुषों की संख्या मात्र 26 है। हर साल के आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि नसबंदी में महिलाएं पुरुषों से बहुत आगे हैं। मर्दों को दर्द होता है या फिर डर लगता है, शायद इसीलिए नसबंदी कराने में वे महिलाओं से काफी पीछे रहते हैं।
साल दर साल पुरुषों के पीछे रहने का आंकड़े दे रहे गवाही
नसबंदी पुरुषों में आसान है और उन्हें प्रोत्साहन राशि भी ज्यादा मिलती है। बावजूद इसके अगले मोर्चे पर महिलाएं खड़ी दिख रही हैं। वित्तीय वर्ष 2017-18 में महिलाओं की संख्या 9307 व पुरुषों की मात्र 161 थी। 2018-2019 में नसबंदी कराने वाली महिलाओं की संख्या हजारों में है और पुरुष दहाई में सिमट गए हैं। 10364 महिलाओं व केवल 84 पुरुषों ने नसबंदी कराई। 2019-20 में 287 पुरुषों ने नसबंदी कराई। 2020-21 में महिलाओं की संख्या 2043 व पुरुषों की मात्र 51 है।
महिलाओं पर ही है परिवार नियोजन का सारा दारोमदार
पुरुषों व महिलाओं की संख्या देखकर लगता है कि नसबंदी का पूरा दारोमदार आधी आबादी पर ही निर्भर है। इसके लिए लगातार जागरूकता अभियान चलते हैं, पुरुषों को आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। बावजूद इसके उनकी संख्या नहीं बढ़ रही है।
पुरुष नसबंदी की योग्यता
पुरुष नसबंदी के लिए चार योग्यताएं प्रमुख हैं। विवाहित होना चाहिए, उसकी आयु 60 वर्ष या उससे कम हो और दंपती के पास कम से कम एक ब'चा हो जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो। पति या पत्नी में से किसी एक की ही नसबंदी होती है।
इतनी मिलती है प्रोत्साहन राशि
परिवार नियोजन के लाभार्थियों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। नसबंदी कराने वाले पुरुषों व महिलाओं को क्रमश: 2000 व 1400 रुपये प्रदान किए जाते हैं। प्रसव के तुरंत बाद नसबंदी कराने वाली महिलाओं को 2200 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
आंकड़ाेें में पुरुष नसबंदी
2017-18 में 161
2018-19 में 84
2019-20 में 287
2020-21 में 51
99.5 है पुरुषों की नसबंदी की सफलता का दर
सीएमओ डा. आशुतोष कुमार दूबे बताते हैं कि पुरुषों को नसबंदी के लिए आगे आना चाहिए। चंद मिनटों में होने वाली पुरुष नसबंदी की सफलता 99.5 फीसद है। सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर नसबंदी की सुविधा निश्शुल्क मिलती है। बिना चीरा और टांका के पुरुष नसबंदी महज एक छोटा सा आपरेशन होता है। इनकी संख्या बढ़ाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।