कोरोना ने सबको डाक्टर बना दिया : बेसिक शिक्षामंत्री Gorakhpur News
बेसिक शिक्षामंत्री सबसे पहले बीएसए कार्यालय पहुंचे और पहले कर्मचारियों की उपस्थिति देखी। इसके बाद बार-बारी से सभी कक्षों का निरीक्षण किया। यहां मरम्मत और पेटिंग का कार्य चल रहा था। उसे देखने के बाद लेखाधिकारी कार्यालय पहुंचे।
गोरखपुर, जेएनएन। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डा.सतीश द्विवेदी ने बीएसए, एडी बेसिक, डायट कार्यालय व कस्तूरबा विद्यालय खोराबार का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने भवन की स्थिति व उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली। बीएसए कार्यालय में निरीक्षण में अनुपस्थित मिले कर्मचारी पर कार्रवाई का निर्देश दिया। डायट में निरीक्षण के दौरान कोरोना से बचाव के लिए मुख्य द्वार पर उपलब्ध सैनिटाइजर, पल्स ऑक्सीमीटर व थर्मल स्कैनर के प्रयोग के बारे में कर्मचारियों व शिक्षकों से बारी-बारी से जानकारी ली। जब सभी ने सही जानकारी दे दी तो बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना ने सबको डॉक्टर बना दिया है।
बेसिक शिक्षामंत्री सबसे पहले बीएसए कार्यालय पहुंचे और पहले कर्मचारियों की उपस्थिति देखी। इसके बाद बारी-बारी से सभी कक्षों का निरीक्षण किया। यहां मरम्मत और पेटिंग का कार्य चल रहा था। उसे देखने के बाद लेखाधिकारी कार्यालय पहुंचे और नए सेवानिवृत्त शिक्षकों के पेंशन को लेकर की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी ली। प्रथम तल पर पहुंच नियुक्ति पटल सहायक अजय सिंह से अब तक बर्खास्त शिक्षकों के बारे में पूछने के साथ ही जांच में निलंबित चल रहे शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई में विलंब का कारण भी पूछा। इस पर पटल सहायक ने बताया कि खंड शिक्षाधिकारी स्तर से जांच में विलंब किया जा रहा है। बीएसए कार्यालय के छत पर जाकर भवन का जायजा लिया। इस पर वहां मौजूद अधिकारियों ने बताया के भवन के मरम्मत के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। जिस पर उन्होंने शीघ्र ही धन अवमुक्त कराने की बात कही। इसके बाद वह एडी बेसिक कार्यालय पहुंचे। यहां सब ठीक-ठीक मिला। यहां से डायट कार्यालय पहुंचे और डीएलएड प्रशिक्षुओं के लिए निर्माणाधीन प्रशिक्षण कक्ष का जायजा लिया। कार्यालय का भी निरीक्षण किया और डायट प्रवक्ताओं से भी बात की।
अंत में बेसिक शिक्षामंत्री कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय खोराबार पहुंचे। यहां कमरों में बिस्तर लगा देख उन्होंने कहा कि जब लड़कियां नहीं है तो बिस्तर क्यों लगा है। विद्यालय की छत से पानी टपकते देख उन्होंने मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजने को कहा। जिस पर उन्हें बताया कि दो साल पहले प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन अभी तक धन अवमुक्त नहीं हुआ। अंत में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि यह सामान्य निरीक्षण था।
निरीक्षण के दौरान डीआइओएस ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया, एडी बेसिक डा.एसपी त्रिपाठी, सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी एसके श्रीवास्तव, जिला समन्वयक बालिका शिक्षा विवेक जायसवाल, ज्ञान प्रकाश राय, दीपक पटेल आदि मौजूद रहे।