Panchayat Election 2021: गोरखपुर के आठ पूर्व प्रधान और उनके परिजन नहीं लड़ पाएंगे चुनाव, लगा प्रतिबंध Gorakhpur News
पंचायती राज विभाग की कई योजनाओं एवं मनरेगा में कई तरह की अनियमितता की शिकायत हुई थी। आठ गांवों से अभी तक पैसा जमा नहीं कराया गया है जिसके कारण उन्हें चुनाव लडऩे से रोक दिया गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। पिछले पांच सालों में सरकार की विभिन्न योजनाओं में अनियमितता करने वाले निवर्तमान प्रधान या उनके स्वजन चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। शिकायतों की जांच में इन गांवों में अनियमितता की पुष्टि हुई है। ऐसे आठ गांवों में करीब दो करोड़ 30 लाख रुपये से अधिक की रिकवरी का आदेश दिया गया है। सभी ब्लाक मुख्यालयों पर यह सूची भेजकर संबंधित प्रत्याशियों को नोड्यूज जारी न करने का निर्देश दिया गया है।
करोड़ों की अनियमितता के चलते लगी है रोक
पंचायती राज विभाग की कई योजनाओं एवं मनरेगा में कई तरह की अनियमितता की शिकायत हुई थी। जांच में शिकायत सही पायी गई तो संबंधित ग्राम प्रधान व सचिव को नोटिस जारी की कर रिकवरी का आदेश दिया गया। आठ गांवों से अभी तक पैसा जमा नहीं कराया गया है, जिसके कारण उन्हें चुनाव लडऩे से रोक दिया गया है। हालांकि जिन गांवों की सूची तैयार की गई है, उनमें से कुछ गांवों में आरक्षण बदल गया है और निवर्तमान प्रधान चुनाव मैदान में नहीं हैं। सबसे अधिक रिकवरी चरगांवा ब्लाक के एकला नंबर दो ग्राम पंचायत में है। यहां 28 मार्च को हुई प्रारंभिक जांच में पाया गया कि एक करोड़ 47 लाख रूपये की अनियमितता हुई है। इस संबंध में 30 मार्च को सचिव एवं निवर्तमान प्रधान को नोटिस जारी की गई है। इसी तरह बांसगांव ब्लाक के कोहटारूप ग्राम पंचायत में 29 लाख 78 हजार रुपये की रिकवरी के लिए कहा गया है। सहजनवां के मझौरा गांव में 83 लाख 64 हजार रुपये की रिकवरी का आदेश दिया गया है। इस मामले में चार जनवरी 2020 को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है। गगहा के चाड़ी ग्राम पंचायत में 17 लाख 70 हजार रुपये की रिकवरी का आदेश दिया गया है। इसी ब्लाक के जीवकर में दो कार्यकाल के करीब एक लाख 77 हजार, बेलघाट के टिकुलियाडाड़ में 86 हजार रुपये, गगहा के बेलकुर में 72 हजार रुपये व भटहट के बंथरा में एक लाख 83 हजार रुपये की वसूली का आदेश दिया गया है।
नहीं मिलेगा अदेयता प्रमाण पत्र
जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर का कहना है कि आठ गांवों में विभिन्न अनियमितताओं के कारण वसूली का आदेश दिया गया है। सभी ब्लाकों पर यह सूची भेजी गई है। जिनसे वसूली होनी है, उन्हें या उनके परिवार के किसी सदस्य को अदेयता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा।