बेकरी संचालक बेलगाम, बढ़ाया मनमाना दाम और वजन भी किया कम Gorakhpur News
नमकीन मटरी खुर्मा कुकीज समेत पचास से ज्यादा आइटम के दाम तो नहीं बढ़े हैं लेकिन वजन 250 से घटकर 180 तथा 500 से घटकर 370 ग्राम कर दिया गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। लॉकडाउन के बीच शहर के बेकरी संचालकों ने मुनाफा बढ़ाने का नया तरीका ढूंढ लिया है। सामान का दाम नहीं बढ़ाया है बल्कि वजन कम कर दिया है। नमकीन, मटरी, खुर्मा, कुकीज समेत पचास से ज्यादा आइटम के दाम तो नहीं बढ़े हैं, लेकिन वजन 250 से घटकर 180 तथा 500 से घटकर 370 ग्राम कर दिया गया है। इसके अलावा कई बेकरी संचालकों ने ब्रेड की कीमत भी 15 से 20 फीसद तक बढ़ा दी है। बहुत से पैक आइटम पर बैच नंबर और निर्माण तिथि भी दर्ज नहीं है। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है।
75 बेकरी हैं गोरखपुर शहर में, उपभोक्ताओं से ठगी का नया तरीका निकाला
शहर में छोटे-बड़े मिलाकर करीब 75 बेकरी हैं जहां ब्रेड से लेकर केक, पेस्टी, नमकीन, स्नैक्स, फेन समेत करीब 100 प्रोडक्ट तैयार किया जाता है। गोरखपुर के अलावा इनकी आपूर्ति आसपास के जिलों में भी की जाती है। केक बनाने के लिए मशहूर शहर के एक नामी ब्रांड ने एक माह में ब्रेड की कीमतों में दो बार बढ़ोत्तरी की है। ब्रेड की पहले ही दूसरों ब्रांडों मुकाबले करीब 30 फीसद महंगा था।
खाद्य सामग्री के पैकेट पर निर्माण तिथि और एक्सपाइरी डेट तक नहीं
बेकरी संचालकों के मुताबिक लागत बढऩे से ऐसा किया गया है। हालात सामान्य होते ही कीमतें कम कर दी जाएगी। इसके अलावा दर्जनों बेकरी ने सामान का दाम बढ़ाने के बजाए वजन में कटौती कर दी है। यही नहीं खाद्य सामग्री के पैकेट पर पर बैच नं. निर्माण तिथि, एक्सपाइरी डेट, उत्पादक का नाम एवं पूर्ण पता भी नहीं लिखा है जो नियमानुसार गलत है।
चीनी, मैदा और आटा का दाम भी नहीं बढ़ेे, तो कीमत कैसे बढ़ाया
गुड-डे बेकरी के संचालक पुनीत कुमार के मुताबिक बीते एक माह में चीनी, मैदा, आटा और तेल की कीमतें नहीं बढ़ी है, ऐसे में कीमतें बढ़ाना या वजन कम करना गलत है। उनकी फर्म ने किसी भी खाद्य सामग्री की कीमत नहीं बढ़ाई है।
मुकदमा तो होगा ही, लाइसेंस भी निरस्त होंगे
इस संबंध में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल सिंह का कहना है कि किसी भी पैक खाद्य सामग्री पर बैच नं. निर्माण तिथि, एक्सपाइरी डेट, उत्पादक का नाम एवं पूर्ण पता लिखना अनिवार्य है। ऐसा न करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है।