BRD मेडिकल कॉलेज में छटपटाता रहा मरीज, नहीं पसीजे डाक्टर- तड़प-तड़पकर तोड़ दिया दम Gorakhpur News
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के गेट पर एक मरीज छटपटाता रहा लेकिन डाक्टर नहीं पसीजे। गेट पर ही उसने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। मेडिकल कालेज में दो दिन के भीतर इस तरह की यह दूसरी घटना है।
गोरखपुर, जेएनएन। बाबा राघव दास मेडिकल कालेज के अधिकारियों की आपरधिक लापरवाही से बीते मंंगलवार को वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र मिश्र का मामला अभी ठंडा भी नहींं पड़ा था कि गुरुवार को फिर उसी तरह की लापरवाही सामने आई। मेडिकल कॉलेज की पुरानी इमरजेंसी के सामने गुरुवार को एक मरीज का शव पड़ा था। आसपास के लोगों का कहना था कि लगभग दो बजे से यह मरीज पेट पकड़कर छटपटा रहा था। डॉक्टर व कर्मचारी इधर से गुजरते रहे लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अंतत: तड़प-तड़प कर उसकी मौत हो गई।
प्राचार्य ने पल्ला झाड़ा
पुलिस जब पहुंची, उसके लगभग दो घंटे पहले मौत हो चुकी थी। शव के पास एक पीले रंग झोला था। जिसमें मौजूद आधार कार्ड से उसकी पहचान गुलरिहा थाना क्षेत्र के खुटहन खास गांव निवासी 46 वर्षीय प्रताप विश्वकर्मा रूप में हुई। झोले में पासबुक व दवा की पुरानी पर्ची, सैनिटाइजर व एक बोतल पानी भी था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया। प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि इस मामले की जानकारी नहीं है। यहां सभी प्रकार के मरीजों के इलाज की व्यवस्था है।
वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र मिश्र को भी एडमिट नहीं किया था
मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को भी ऐसी ही घटना हुुुई थी। मंगलवार को गंभीर स्थिति में पहुंचे वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र मिश्र को लेकर उनके परिजन मेडिकल कालेज पहुंचे थे लेकिन मेडिकल कालेज में उन्हें भर्ती नहीं किया गया। एक निजी अस्पताल ने भी भर्ती करने से मना कर दिया था। समय से इलाज न मिलने पर उपेन्द्र मिश्र की मौत हो गई थी। उपेंद्र मिश्र की पुत्री अर्चना मिश्रा भी एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल में वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने इस घटना की शिकायत यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी की है।