पीएचसी से संबद्ध हुआ आयुर्वेदिक अस्पताल, दो वर्ष से परेशान हैं मरीज Gorakhpur News
पडरौना जिले के तमकुही विकास खंड के गांव बरवा राजापाकड़ के ग्रामीणों की स्वास्थ्य सुरक्षा रामभरोसे है। गांव में दो वर्ष पूर्व तक संचालित आयुर्वेदिक अस्पताल को सेमरा हर्दोपट्टी न्याय पंचायत में पीएचसी से संबद्ध कर दिया गया है।
गोरखपुर, जेएनएन : पडरौना जिले के तमकुही विकास खंड के गांव बरवा राजापाकड़ के ग्रामीणों की स्वास्थ्य सुरक्षा रामभरोसे है। गांव में दो वर्ष पूर्व तक संचालित आयुर्वेदिक अस्पताल को सेमरा हर्दोपट्टी न्याय पंचायत में पीएचसी से संबद्ध कर दिया गया है। ऐसी दशा में ग्रामीणों को इलाज के लिए 10 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे समय व धन दोनों बर्बाद होता है।
न्याय पंचायत भी है बरवा राजापाकड़
बरवा राजापाकड़ न्याय पंचायत भी है। 28 टोले वाले इस गांव में 15 हजार से अधिक की आबादी निवास करती है। इसमें डेढ़ दर्जन टोलों में मुसहर तथा दलित आबादी की बहुलता है। यहां के लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए बहुरिया टोला में किराये के घर में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय संचालित हो रहा था। चिकित्सालय में एक फार्मासिस्ट की तैनाती थी। शासन द्वारा भवन विहीन राजकीय आयुर्वेदिक अस्पतालों को अन्यत्र अस्पतालों के साथ संबद्ध करने के क्रम में यह अस्पताल न्याय पंचायत सेमरा हर्दोपट्टी के पीएचसी से संबद्ध कर दिया गया, जो बरवा राजापाकड़ के कई टोलों से तीन से चार किमी दूर है। इसके चलते ग्रामीणों को इलाज के लिए अब तमकुहीरोड, तमकुहीराज, दुदही, कसया या फिर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। इससे धन तो बर्बाद होता ही है, समय भी व्यर्थ होता है।
क्या कहते हैं गांव के लोग
ओम प्रकाश जायसवाल, हारून भाई, जितेन्द्र वर्मा, सिंहासन पटेल, रवि जायसवाल, सुनील पटेल, नंदलाल चौहान, जेपी वर्मा, भानु श्रीवास्तव आदि ने गांव में अस्पताल के भवन की स्थापना व चिकित्सक की तैनाती की मांग की है। अन्यथा की दशा में आंदोलन की चेतावनी भी दी है। प्रधान बैरिस्टर प्रसाद ने कहा कि भवन के लिए ग्राम सभा की भूमि का चयन कर प्रस्ताव दिया गया है, लेकिन जिम्मेदारों द्वारा अब तक इसका संज्ञान नहीं लिया गया। सीएमओ डा. एनपी गुप्ता ने कहा कि यह शासन के निर्देश के तहत हुआ था, फिर जो निर्देश होगा, उस हिसाब से कार्य किया जाएगा।