अयोध्या में मुड़ जाएगी सरयू की धारा, प्रशासन कर रहा तैयारी
बस्ती जनपद के कई गांवों को बचाने के लिए सरयू नदी की धारा को मोड़ने की चल रही है तैयारी। सीएम ने बाढ़ से बचाने का दिया था आश्वासन।
गोरखपुर, (जेएनएन)। सरयू की बाढ़ हर साल जनपद में विनाशकारी होती है। जहां तटबंध हैं वहां तटबंध बचाने में सरकार के करोड़ों रुपये खर्च हो जाते हैं जहां तटबंध नहीं हैं वहां आबादी व खेती की जमीन नदी की धारा में समाती चली जाती है। इस वर्ष भी 47 गांव बाढ़ की चपेट में रहे। दर्जन भर से अधिक गांवों में पानी भरा रहा। हालत यह हो गई कि दो गांवों का अस्तित्व ही समाप्त हो गया।
सीएम योगी ने कहा था, बाढ़ से दिलाएंगे निजात
इसी माह पांच सितंबर को बस्ती के बाढग़्रस्त क्षेत्र के दौरे पर आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुबौलिया में आयोजित जनसभा में कहा था कि वह बाढ़ से स्थाई निजात दिलाएंगे। सीएम ने यह भी कहा था कि यदि जरूरत पड़ी तो नदी की धारा मोड़ दी जाएगी। सीएम की इस योजना के तहत दो दिन पूर्व दुबौलिया के कटरिया-चांदपुर तटबंध पर लखनऊ की टीम ने सर्वे भी किया तथा नदी की धारा कहां और कैसे मोड़ी जाए इस पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।
जानकारों का कहना है कि सरयू नदी घुड़सवार प्रकृति की नदी है। यह काफी तीव्रगामी नदी है। इसकी धारा में वर्ष भर प्रवाह बना रहता है। यह नदी हर मौसम में तूफान मचाते हुए चलती है। इसकी यही प्रवृत्ति कटान को बढ़ावा देती है। रही सही कसर अयोध्या में स्थित हाईवे के नए पुल से पूरी हो जा रही है। जानकारों का कहना है कि जनपद में पिपरपाती, कटरिया, पारा, केशवपुर, सहजौरा व चानपुर में नदी कई वर्ष से लगातार मोड़ बना रही है। जिस वजह से विक्रमजोत, दुबौलिया व कुदरहा ब्लाक के गांव बाढ़ से हर साल प्रभावित होते हैं।
बेतहाशा बालू खनन से पैदा हुई समस्या
अयोध्या में नदी पूरब से उत्तर की तरफ मुड़ गई है। बस्ती में केशवपुर के पास आकर गांव से टकरा कर फिर पूरब की तरफ घूम जाती है। यही हाल दुबौलिया और आगे पिपरपाती में भी है। बेतहाशा बालू खनन के चलते नदी अपने परंपरागत मार्ग से इधर-उधर बह रही है। जिस वजह से कटान अधिक हो रही है। यदि नदी को अयोध्या में ही मोड़ दिया जाए जहां पहले से हाइवे पुल निर्माण के दौरान स्थित क्रंकीट की दीवार नदी में बनाई गई थी यदि उसे हटा दिया जाए तथा वहीं पर नदी की धारा पूर्व के मार्ग पर कर दी जाए तो बस्ती में नुकसान कम होगा।
दो जगहों पर मोड़ी जा सकती है धारा
अधिशासी अभियंता डीके त्रिपाठी ने बताया कि जनपद को बाढ़ की विनाशलीला से बचाने के लिए शासन गंभीर है। नदी की धारा मोडऩे के लिए सर्वे कार्य चल रहा है। स्थान चिह्नित किए जा रहे हैं। प्रयास किया जा रहा है कि उन स्थानों की पहचान कर ली जाए जहां से नदी की धारा को मोड़ दिया जा सके। शीघ्र ही पूरी परियोजना सामने आ जाएगी।