निमंत्रण कार्ड से दे रहे जागरूकता संदेश, लोग घर से ही दें आशीर्वाद Gorakhpur News
पडरौना जिले में कोरोना संक्रमण रोकने को अनेक जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। शादी निमंत्रण का एक कार्ड ऐसे तमाम जागरूकता अभियानों से अलग और प्रभावी दिख रहा है। ऐसी अनूठी शादी और अभिनव पहल से ही कोरोना का हल निकलेगा। संक्रमण के पांव थमेंगे।
गोरखपुर, जेएनएन : पडरौना जिले में कोरोना संक्रमण रोकने को अनेक जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। शादी निमंत्रण का एक कार्ड ऐसे तमाम जागरूकता अभियानों से अलग और प्रभावी दिख रहा है। ऐसी अनूठी शादी और अभिनव पहल से ही कोरोना का हल निकलेगा। संक्रमण के पांव थमेंगे।
सबको बुलाया गया दैहिक रूप से
नेबुआ नौरंगिया विकास खंड के ग्राम भीमल छपरा निवासी उदित नारायण डिग्री कालेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रवीण गूंजन की शादी हो रही है। निमंत्रण कार्ड भी छपे हैं। बांटे भी गए हैं। सबको बुलाया भी गया है, लेकिन दैहिक रूप से नहीं, आर्शीवचन के रूप में। छात्र नेता बताते हैं कि शादी तय हुई तो स्वजन ने तय किया कि कोरोना के इस काल में वायरस संक्रमण के साथ, आर्थिक संक्रमण भी चल रहा है। लोगों के काम-धंधे बंद चल रहे हैं। ऐसे में लोगों को आमंत्रित किया जाएगा, पर दैहिक रूप से नहीं आर्शीवचन के रूप में। फिर निमंत्रण कार्ड छपा और सभी रिश्तेदारों व शुभचिंतकों को इसे भेजा गया। 21 मई को शादी होनी है।
यह है कार्ड पर निमंत्रण
इस मांगलिक बेला में आपके आशीवर्चन से हमें खुशी मिलेगी, लेकिन वर्तमान परिस्थिति में हमें हमारी खुशी के साथ आपका स्वास्थ्य भी प्रिय है। अंत- कोविड संबंधी शासनादेशों के अनुरूप आप अपने स्थान से ही आशीर्वाद प्रदान करेंगे तो हम आपके इस स्नेह को ही आपकी पावन उपस्थिति के रूप में स्वीकार कर लेंगे।
संक्रमण को रोकना ही है मकसद: गूंजन
प्रवीण गूंजन ने बताया कि इसका मकसद केवल एक है, कोरोना संक्रमण को रोकना। कार्ड वितरण का मकसद है लोगों का मन से आशीर्वाद मिले और लोग अपने घरों पर सुरक्षित रहें। हमारी ऐसी पहल ही कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकेगी।
कोविड कमांड सेंटर सक्रिय, डीएम ने कहा मिल रही राहत
जनपद में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या को देखते हुए कोविड कमांडर सेंटर के सक्रियता की बात कहते हुए सोमवार को डीएम एस राजङ्क्षलगम ने बताया कि इसके माध्यम से जरूरतमंद व्यक्तियों को अस्पताल में आक्सीजन बेड उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वेंटिलेटर बेड, आक्सीजन बेड व सामान्य बेड की अस्पतालों में कोई कमी नहीं है। होम आइसोलेशन में भर्ती मरीजों की चिकित्सकों की टीम द्वारा मानिटङ्क्षरग की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा दवाइयां घरों तक पहुंचाई जा रही हैं।