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गोरखपुर में फेबीफ्लू की उपलब्धता बढ़ी, रेमडेसिविर की किल्लत बरकरार

कोरोना वायरस की महत्‍वपूर्ण दवा फेबीफ्लू की बाजार में उपलब्धता बढ़ने लगी है। हालांकि रेमडेसिविर की किल्लत अब भी बरकरार है। भालोटिया मार्केट के भारत मेडिकल एजेंसी पर 90 वायल रेमडेसिविर इंजेक्शन मिला। इंजेक्शन लेने के लिए सुबह से ही स्वजन की लाइन लग गई थी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 11:01 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 11:01 AM (IST)
गोरखपुर में रेमडेसिविर की किल्‍लत बरकरार है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में इस्तेमाल होने वाली फेबीफ्लू की बाजार में उपलब्धता बढ़ने लगी है। मंगलवार को भालोटिया मार्केट के तुलस्यान फार्मा के बाद बुधवार को सूर्या फार्मा पर दवा मिली। हालांकि रेमडेसिविर की किल्लत अब भी बरकरार है। भालोटिया मार्केट के भारत मेडिकल एजेंसी पर 90 वायल रेमडेसिविर इंजेक्शन मिला। इंजेक्शन लेने के लिए सुबह से ही स्वजन की लाइन लग गई थी। जिले में अभी एक हजार से ज्यादा वायल की मांग है और उपलब्धता रोजाना तकरीबन सौ वायल की ही हो पा रही है।

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धीरे-धीरे दवा की उपलब्धता बढ़ा रही हैं दवा कंपनियां

दवा विक्रेता समिति के अध्यक्ष योगेंद्र नाथ दुबे ने कहा कि सभी कंपनियों को दवा भेजने को कहा गया है। धीरे-धीरे उपलब्धता बढ़ रही है। उपाध्यक्ष राजेश तुलस्यान ने बताया कि रेमडेसिविर लेने के लिए कई मरीजों के स्वजन सुबह ही भालोटिया मार्केट पहुंच गए थे। कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए इंजेक्शन दिलाया गया।

21 सौ में मिली वायल

भारत मेडिकल एजेंसी पर सन फार्मा की रेमडेसिविर आयी थी। इसका अधिकतम खुदरा मूल्य 3950 रुपये था। प्रोपराइटर राजेश अग्रवाल ने बताया कि सभी मरीजों के स्वजन को 21 सौ रुपये में वायल उपलब्ध कराई गई है। औषधि विभाग से अनुमति लेने के बाद ही इंजेक्शन दिया गया।

औषधि प्रशासन विभाग कर रहा मानीटरिंग

औषधि प्रशासन विभाग बुधवार सुबह से ही रेमडेसिविर की उपलब्धता और इसके वितरण पर नजर रखे हुए था। ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि रेमडेसिविर धीरे-धीरे मिल रही है। जरूरत के अनुसार सभी को इसे दिया जा रहा है।

इंटरनेट मीडिया पर मांग रहे मदद

रेमडेसिविर के लिए मरीजों के स्वजन इंटरनेट मीडिया पर मदद की गुहार लगा रहे हैं। रोहित सिंह ने टि्वटर पर दो वायल उपलब्ध कराने की अपील की। हालांकि देर शाम तक उन्हें इंजेक्शन नहीं मिल सका था। आस्था ने भी इंजेक्शन दिलाने के लिए इंटरनेट मीडिया का सहारा लिया।


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