अटल की अस्थियां राप्ती में विसर्जित
शनिवार को अटल अस्थि कलश यात्रा गोरखुपर पहुंची। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी अस्थियों को राप्ती नदी में विसर्जित किया
गोरखपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की अस्थियां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शनिवार की शाम करीब 5.55 बजे राजघाट पर राप्ती नदी में विसर्जित कीं। अस्थि विसर्जन के दौरान वहां उमड़ा जनसमूह 'अटल बिहारी अमर रहें' के नारे लगाता रहा। इससे पहले यहां सिविल लाइंस स्थित निपाल क्लब में आयोजित सर्वदलीय श्रद्धाजलि सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यक्ति जमीन से जुड़ा हो, उसमें कुछ कर गुजरने का जज्बा हो और अपने अनुभव को कार्य से जोड़ता हो तो उसके कार्य व्यवहार धरातल पर चमकते हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की शख्सियत ऐसी ही थी, तभी उनकी सर्वदलीय और सर्व समाज में स्वीकार्यता थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी ग्रामीण विकास की बात आएगी, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को जरूर याद किया जाएगा। बुनियादी संरचना के विकास की बात होगी तो स्वर्णिम चतुर्भुज योजना याद आएगी। गरीब के हाथ में मोबाइल देखकर संचार क्रांति की शुरुआत के क्षण बरबस याद आएंगे। इन सबके साथ अटल जी का नाम अनिवार्य रूप से जुड़ा हुआ है। जीवन और राजनीति में सिद्धांत और मूल्यों की चर्चा अटल जी को याद किए बिना पूरी ही नहीं होगी। जिस समय में राजनीति धंधे का रूप ले रही थी, उस समय भी उन्होंने मूल्यों और आदर्शो की राजनीति करके यह साबित कर दिया कि व्यक्ति जन्म से नहीं बल्कि कर्म से बड़ा होता है। आजादी के बाद 70 वर्षो में जिसने भी सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में ईमानदारी के साथ कार्य करने की कोशिश की, वह अटल जी के व्यक्तित्व से जरूर प्रभावित हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे साहित्य का क्षेत्र हो या समाजसेवा का या फिर राजनीति का, अटल जी हर क्षेत्र में अनुकरणीय हैं। यही वजह थी कि उनके निधन का समाचार सुनते हर कोई दिल्ली की ओर दौड़ पड़ा।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विश्वनाथ तिवारी ने अटल जी की कविता 'क्या खोया क्या पाया जग में..' सुनाकर उन्हें साहित्य जगत की ओर से श्रद्धांजलि दी। सभा को प्रदेश सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य व जयप्रकाश निषाद, सांसद राजेश पांडेय, कमलेश पासवान, पंकज चौधरी, विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल, विपिन सिंह, संत प्रसाद, संगीता यादव, शीतल पांडेय, महेंद्र पाल सिंह, देवेंद्र प्रताप सिंह समेत विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों के अलावा कांग्रेसी नेता डॉ. सैयद जमाल अहमद, अरुण अग्रहरी ने भी संबोधित किया। इससे पहले मुख्यमंत्री समेत सभी नेताओं और संगठनों से जुड़े लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री के अस्थि कलश और चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। सभा का संचालन उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के सदस्य जगनैन सिंह नीटू ने किया।