कुशीनगर की धरती पर चार बार आए थे अटल बिहार बाजपेयी Gorakhpur News
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का कुशीनगर से गहरा नाता था। वे नानाजी देशमुख के साथ लगभग 52 वर्ष पूर्व यहां पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े कार्य से आए थे। संघ परिवार से जुड़े पडरौना के एक मारवाड़ी परिवार के आवास पर भी गए थे।
गोरखपुर, जेएनएन: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का कुशीनगर से गहरा नाता था। युवा अवस्था में वे नानाजी देशमुख के साथ लगभग 52 वर्ष पूर्व यहां पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े कार्य से आए थे। संघ परिवार से जुड़े पडरौना के एक प्रतिष्ठित मारवाड़ी परिवार के आवास पर चाय-नाश्ता भी किए थे।
भाजपा की कमान संभालने के बाद वह चार बार कुशीनगर आए थे। वर्ष 1985 में कसया रोडवेज परिसर में चुनावी जनसभा को संबोधित किए थे। 1993 के विधानसभा चुनाव में भी कुशीनगर आए और पडरौना में चुनावी सभा को संबोधित किए। वर्ष 1996 में लोकसभा चुनाव के दौरान भी उनका यहां आगमन हुआ था। रामनगीना मिश्र के समर्थन में वह उदित नारायण इंटर कालेज में जनसभा को संबोधित किए। कुशल संचालन के लिए भाजपा नेता अखिलेश मिश्र की पीठ भी थपथपाई थी। अपने संबोधन में उन्होंने यहां की बदहाल सड़कों को लेकर तत्कालीन सरकार पर करारा प्रहार किया था। कहा था कि कार में बैठकर आते समय रास्ते भर हिचकोले खाते आया हूं। इससे पता चला है कि इस जिले में कितना विकास हुआ है, जनता को इसका हिसाब लेना होगा। उनका संबोधन सुनने सभा में पड़ोसी प्रांत बिहार से भी लोग आए थे। यूपी के अंतिम छोर पर स्थित इस जिले से अपने संबोधन में उन्होंने उत्तर प्रदेश-बिहार का नाता जोड़ा था। 13 दिन प्रधानमंत्री रहने के बाद उनका कुशीनगर में अंतिम आगमन फाजिलनगर इंटर कालेज के स्वर्ण जयंती समारोह में हुआ था।
कार्यकर्ताओं के आग्रह पर सुनाई थी कविता
वर्ष 1993 में कुशीनगर में चुनाव-प्रचार के दौरान आए अटल बिहारी बाजपेयी पडरौना डाकबंगला में रुक कर नाश्ता किए थे। राजेश तुलस्यान ने नाश्ता परोसा था। भाजपा कार्यकर्ता डा. रामेश्वर गुप्ता व द्वारका तुलस्यान के आग्रह पर अटल ने अपनी कविता- गीत नया गाता हूं... सुनाया था। साथ रहे पूर्व सांसद रामनगीना मिश्र से गन्ना किसानों की समस्याओं पर चर्चा की थी। लगभग 30 मिनट तक अटल यहां रहे। राजेश ने आटोग्राफ मांगा तो पूरी सहजता के साथ आटोग्राफ दिया और सबके साथ फोटो भी कराई थी।