नेपाली नागरिकों का फर्जी पासपोर्ट बनवाने वाला गोरखपुर से गिरफ्तार Gorakhpur News
फर्जी भारतीय पहचान पत्र के आधार पर नेपाली नागरिकों का फर्जी पासपोर्ट बनवाने वाले आरोपित को गोरखपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
गोरखपुर, जेएनएन। नेपाली नागरिकों का फर्जी पासपोर्ट बनवाने वाले आरोपित को कैंट पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार किया। 2015 से मामले की जांच चल रही थी। पासपोर्ट बनवाने वाली महिला से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई हुई। एक अन्य आरोपित की तलाश चल रही है।
फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए बनवाया पासपोर्ट
सीओ कैंट सुमित शुक्ला ने बताया कि 31 नेपाली नागरिकों ने फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए खुद को भारत का निवासी बताकर 2009 में पासपोर्ट बनवा लिया। जांच के बाद 2015 में कैंट और शाहपुर थाने में पासपोर्ट धारकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। पासपोर्ट में दर्ज पते पर आरोपितों के न मिलने पर फाइल बंद कर दी गई। पासपोर्ट बनवाने वाली आशा गुरुंग कुछ दिन पहले सिंगापुर से लौटी। मुकदमा दर्ज होने की वजह से उनका पासपोर्ट सीज कर दिया गया। जानकारी होने पर आशा ने प्रभारी निरीक्षक कैंट रवि राय से मिली। उन्हें बताया कि नंदानगर के रहने वाले राजेश पासवान और परशुराम क्षेत्री ने सभी नेपाली नागरिकों का पासपोर्ट बनवाया था। जांच में आरोप सही मिलने पर कैंट पुलिस ने गुरुवार सुबह राजेश पासवान को गिरफ्तार कर लिया। दूसरे आरोपित परशुराम क्षेत्री की तलाश चल रही है।
विदेश भेजने के नाम पर ठगी के तीन आरोपित गिरफ्तार
उधर, विदेश भेजने के नाम पर 300 बेरोजगारों को झांसा देकर तीन करोड़ रुपये हड़पने के बाद फरार आठ आरोपितों में से तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। एसआईटी टीम इंचार्ज रामभवन यादव व थानेदार राजू सिंह ने गुरुवार को पत्रकारों को बताया कि गिरफ्तार आरोपित व कंपनी की कर्मचारी माधुरी सिंह ग्राम रामूडीहा, अजय तिवारी ग्राम भगवानपुर व शिवबदन जंगल रसूलपुर नंबर दो का निवासी है। कंपनी के संचालक रजनीश पाठक समेत पांच फरार आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी हो जाएगी।
बता दें कि बीते 15 फरवरी को बेरोजगारों ने रामूडीहा कस्बे में गोल्डन लाइन कारपोरेशन के संचालक व कर्मचारियों पर विदेशों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर तीन करोड़ की ठगी का आरोप लगाते हुए चौरीचौरा थाने में तहरीर दी थी। केस दर्ज न होने पर फोरलेन जाम कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने कंपनी के कार्यालय को सील कर संचालक रजनीश पाठक समेत आठ आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा में केस दर्ज किया था। तभी से सभी आरोपित फरार चल रहे थे।