Corona's third wave: गोरखपुर मेडिकल कालेज में 25-25 बेड का पीकू व नीकू बनकर लगभग तैयार Gorakhpur News
बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज में सुपर स्पेशलिटी ब्लाक में बने दो सौ बेड कोरोना वार्ड को बच्चों व महिलाओं के इलाज के लिए चुना गया है। वहां बच्चों के साथ ही संक्रमित महिलाओं व गर्भवती को भी भर्ती किया जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना की तीसरी लहर आए, इसके पहले बच्चो को सुरक्षित करने की योजना पर काम तेज हो गया है। बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज में सुपर स्पेशलिटी ब्लाक में बने दो सौ बेड कोरोना वार्ड को बच्चों व महिलाओं के इलाज के लिए चुना गया है। वहां बच्चों के साथ ही संक्रमित महिलाओं व गर्भवती को भी भर्ती किया जाएगा। 25-25 बेड का पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) व न्यू नेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (नीकू) बनकर लगभग तैयार हो चुका है।
नीकू में एक माह तक के बच्चे होंगे भर्ती
नीकू में एक माह से कम उम्र के बच्चों को भर्ती किया जाएगा। बेबी वार्मर, मल्टीपैरामीटर व वेंटीलेटर लगाए जा रहे हैं। पीकू में भी सभी बेड पर वेंटीलेटर की व्यवस्था रहेगी। इसमें एक माह से लेकर 14 साल तक के बच्चों को भर्ती किया जाएगा। जरूरत पडऩे पर पीकू व नीकू में 25-25 बेड और बढ़ा दिए जाएंगे। 80 बेड संक्रमित महिलाओं व गर्भवती के लिए आरक्षित किए जाएंगे। 20 बेड संक्रमित नवजातों व उनकी मां के लिए आरक्षित होंगे। बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. गणेश कुमार का कहना है कि शासन की मंशा के अनुसार के तीसरी लहर आने के पहले बच्चों के इलाज की मुकम्मल व्यवस्था की जा रही है। दो सौ बेड कोरोना वार्ड में ब'चों व महिलाओं के लिए बेड आरक्षित किए जाएंगे। पीकू व नीकू लगभग बनकर तैयार हो चुका है। कुछ जरूरी संसाधन केवल वहां उपलब्ध कराने हैं।
होम्योपैथ के डाक्टर भी करेंगे कोरोना के सामान्य लक्षण वाले मरीजों का इलाज
आयुष मंत्रालय ने होम्योपैथ के डाक्टरों को भी कोरोना के मरीजों का इलाज करने की अनुमति दे दी है। लेकिन वे सामान्य लक्षण वाले मरीजों का ही इलाज करेंगे। स्थिति गंभीर होने पर तत्काल उन्हें उ'च चिकित्सा संस्थानों के लिए रेफर करेंगे। इस संबंध में मंत्रालय ने गाडलाइन जारी कर निर्देश दिया है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. प्रकाश चंद्र ने इसकी पुष्टि की है। मंत्रालय ने कहा है कि कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए होम आइसोलेट मरीजों को होम्योपैथिक चिकित्सक देख सकते हैं। बिना लक्षण वाले मरीजों तथा उनके संपर्क में आने वालों को आर्सेनिक एल्बम-30 सी की चार गोली दिन में दो बार सात दिन तक देनी होगी। सामान्य लक्षण वाले मरीजों को एकोनिटम नेपोलस, आरर्सेनिक एल्बम, बेलाडोना, बरयोनिया एलबा, इयूपाटोरियम परफोलियटम, फेरम फास्फोरिकम, गलसेमियम, फास्फोरस, रस टाक्सिकोडेंड्रम दवाएं दी जाएंगी। दवा की खुराक डाक्टर मरीज की तबीयत देखकर तय करेंगे। मरीज के लक्षणों पर लगातार नजर रखनी होगी। बुखार और आक्सीजन का स्तर दिन में दो बार जांचना होगा। उसे घर से निकलने और घर में भी सामाजिक दूरी बनाने की हिदायत देनी होगी।