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कोविड के इलाज में वसूली थी मनमानी फीस, प्रशासन से तीन अस्पतालों से वापस कराए 1.92 लाख रुपये

कोरोना संक्रमित मरीजों से इलाज के नाम पर अधिक रुपये वसूलने वाले अस्पतालों पर प्रशासन ने सख्ती शुरू कर दी है। प्रशासन ने तीन अस्पतालों से छह मरीजों के स्वजन को एक लाख 92 हजार 58 रुपये वापस कराए हैं। इससे पहले भी कुछ अस्पताल पैसे वापस कर चुके हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 07:02 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 07:02 AM (IST)
कोविड के इलाज में वसूली थी मनमानी फीस, प्रशासन से तीन अस्पतालों से वापस कराए 1.92 लाख रुपये
कोविड के मरीजों से अधिक रुपये वसूलने वाले अस्पतालों पर प्रशासन ने सख्त रूख अपनाया है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जेएनएन। कोविड मरीजों से इलाज के नाम पर शासन की ओर से निर्धारित दर से अधिक वसूली करने वाले तीन अस्पतालों ने छह मरीजों के स्वजन को करीब एक लाख 92 हजार 58 रुपये वापस किए हैं। इससे पहले भी कुछ अस्पताल पैसे वापस कर चुके हैं। गुरुवार को जांच कमेटी के अध्यक्ष अपर आयुक्त न्यायिक रतिभान ने अपनी रिपोर्ट मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी को सौंपी। मंडलायुक्त ने दो शिकायतकर्ताओं से फोन पर बात भी की।

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जांच टीम के सामने आईंं थीं शिकायतें

जांच टीम के अध्यक्ष अपर आयुक्त रतिभान ने बताया कि अलग-अलग तारीखों में तीन अलग-अलग अस्पतालों की छह शिकायतें आईं थी। इस मामले में जांच कराई गई तो अधिक वसूली की बात पुष्ट हुई। अस्पताल प्रबंधन को नोटिस देकर अतिरिक्त धनराशि वापस करने को कहा गया। इसके बाद डिग्निटी हास्पिटल ने रामानंद शाही को 27332 रुपये, स्व. प्रवेश कुमार श्रीवास्तव के स्वजन को 54900 रुपये एवं मीरा श्रीवास्तव के स्वजन को 46467 रुपये, अजीत सिंह के स्वजन को 9559 रुपये वापस किए। इसी तरह पूर्वांचल मेट्रो सिटी हास्पिटल की ओर से दर्शन प्रसाद जायसवाल के स्वजन को 28800 रुपये, डिसेंट हास्पिटल बुद्ध विहार पार्ट ए की ओर से मुहम्मदीन अंसारी के स्वजन को 25 हजार रुपये वापस किए गए।

मंडलायुक्त ने खुद पीड़ित से बात की

मंडलायुक्त ने मुहम्मदीन अंसारी के स्वजन यूसुफ एवं अन्य मरीजों के स्वजन से फोन पर बात की। उन्होंने कार्रवाई पर संतोष जताया और मंडलायुक्त के प्रति आभार जताया। जांच कमेटी में अपर आयुक्त के अतिरिक्त उपायुक्त स्टांप एवं निबंधन रामानंद सिंह, जिला सर्विलांस अधिकारी डा. एनके पांडेय, संयुक्त निदेशक चिकित्सा डा. अरुण गर्ग शामिल रहे। टीम की ओर से सभी अस्पताल प्रबंधन को कड़ी चेतावनी भी दी गई है।

आपदा के समय में किसी से अधिक पैसा वसूलना अपराध है। संचालकों ने पैसा वापस कर दिया है, इसलिए केवल चेतावनी दी गई है। भविष्य में ऐसी शिकायत मिली तो अस्पतालों के संचालकों को जेल भेजा जाएगा। - रवि कुमार एनजी, मंडलायुक्त।


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