जीडीए की कार्यशौली बदली तो तीन गुना बढ़ गए मानचित्रों के आवेदन
गोरखपुर विकास प्राधिकरण में 15 दिनों में मानचित्र के आनलाइन आवेदनों की संख्या में करीब तीन गुना की वृद्धि हो गई। एक से 15 अगस्त तक 83 आवेदन प्राप्त हुए और इसमें से 46 मानचित्र स्वीकृत भी हो गए। अन्य आवेदनों को भी जल्द निस्तारित कर दिया जाएगा।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) में अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्यशैली में आए बदलाव ने लोगों के मन में जीडीए के प्रति विश्वास जगाया है। असर यह हुआ कि 15 दिनों में मानचित्र के आनलाइन आवेदनों की संख्या में करीब तीन गुना की वृद्धि हो गई। एक से 15 अगस्त तक 83 आवेदन प्राप्त हुए और इसमें से 46 मानचित्र स्वीकृत भी हो गए। अन्य आवेदनों को भी जल्द निस्तारित कर दिया जाएगा। जबकि एक से 15 जुलाई तक प्राधिकरण को आनलाइन माध्यम से मानचित्र के 29 आवेदन ही मिले थे और उसमें से 15 स्वीकृत हुए थे।
एक से 15 अगस्त तक आनलाइन मिले 83 आवेदन, 46 मानचित्र स्वीकृत
पिछले करीब 20 दिनों में जीडीए मानचित्र, कंपांउंडिंग मानचित्र एवं नामांतरण के मामलों को निस्तारित कर करीब 20 करोड़ रुपये की कमाई भी कर चुका है। जीडीए में उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के साथ ही प्रेम रंजन सिंह ने मामलों के निस्तारण पर जोर दिया। लंबे समय से लंबित मामलों को निस्तारित कर जनता में विश्वास कायम किया। उसके बाद सप्ताह में समय से निस्तारण होने के चलते बढ़ा लोगों का विश्वास दो-दो दिन शिविर लगाकर मानचित्र एवं नामांतरण के मामलों को निस्तारित किया गया।
इसके साथ ही प्रतिदिन सुबह 10 से 12 बजे तक जीडीए उपाध्यक्ष सुनवाई कर मामले को निस्तारित करते हैं। जिन लोगों के मानचित्र रिजेक्ट हो गए थे, उन्हें फोन कर बुलाया गया और कमियों को दूर कराकर उन्हें भी राहत दी गई। मामलों के त्वरित गति से निस्तारित होने का ही नतीजा रहा कि अगस्त महीने में मानचित्र पास कराने के लिए आवेदनों में वृद्धि दर्ज की गई। इसके अतिरिक्त कंपांउंडिंग (शमन) मानचित्र के मामले आफलाइन आए हैं।
दो दिनों में आए 38 मामले, 20 का निस्तारण
जीडीए में मंगलवार एवं बुधवार को 38 मामले उपाध्यक्ष के समक्ष आए। उपाध्यक्ष ने संबंधित कर्मचारियों को बुलाकर इन मामलों को सुनने को कहा। इसमें से 20 मामलों को मौके पर निस्तारित कर दिया गया। अन्य मामलों को एक सप्ताह के भीतर निस्तारित करने को कहा गया है। उपाध्यक्ष के सामने किशोरी लाल गुप्ता के संपत्ति का मामला 10 साल से लंबित था। इस मामले में सुनवाई करते हुए उपाध्यक्ष ने इसे मंगलवार को निस्तारित करा दिया।
जीडीए में 15 दिनों के भीतर मानचित्र के लिए आने वाले आनलाइन आवेदनों में करीब तीन गुना की वृद्धि हुई है। प्राथमिकता पर सभी के मामलों को निस्तारित किया जा रहा है। यदि किसी को समस्या हो तो सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक कार्यालय में आकर मिल सकता है। - प्रेम रंजन सिंह, उपाध्यक्ष, जीडीए।