कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई तो ओपीडी के बाहर छोड़कर चले गए एंटीजन किट व ग्लब्स
जिला महिला अस्पताल में महिलाओं व बच्चों की सेहत से जानलेवा लापरवाही बरती जा रही है। कोरोना संक्रमण की जांच के बाद ओपीडी के बाहर ही किट व ग्लब्स छोड़कर कर्मचारी गायब हो जा रहे हैं। ओपीडी के बाहर महिलाएं और बच्चे हमेशा मौजूद रहते हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। जिला महिला अस्पताल में महिलाओं व बच्चों की सेहत से जानलेवा लापरवाही बरती जा रही है। कोरोना संक्रमण की जांच के बाद ओपीडी के बाहर ही किट व ग्लब्स छोड़कर कर्मचारी गायब हो जा रहे हैं। यह स्थिति तब है जब ओपीडी के बाहर महिलाएं और बच्चे हमेशा मौजूद रहते हैं। थोड़ी दूर पर टीकाकरण कक्ष भी है।
चल-फिर नहीं पा रही थी महिला
10 जनवरी दोपहर तकरीबन एक बजे कुशीनगर के नंबर वाली एक कार से एक युवती को लेकर महिला व पुरुष पहुंचे। युवती चल-फिर नहीं पा रही थी। किसी तरह उसे महिला अस्पताल की पुरानी ओपीडी के बाहर बैठाया गया। पीला पर्चा बनवाने के बाद डाक्टर दूर से मरीज देखा तो कोरोना संक्रमण की जांच की सलाह दी। युवती के साथ आयी महिला ने अस्पताल के ही एक कर्मचारी से संपर्क किया और ओपीडी में कोरोना संक्रमण की जांच करने के लिए एंटीजन किट मंगाया।
कोरोना की पुष्टि होने के बाद युवती को ले गए परिजन
कर्मचारी ने युवती और उसके साथ आए पुरुष की जांच की। ओपीडी में एंटीजन किट रखकर थोड़ी देर इंतजार किया। किट में दो लाइन बन गई तो कर्मचारी ने कोरोना संक्रमण की पुष्टि कर दी। इसके बाद कर्मचारी ने किट और ग्लब्स ओपीडी के बाहर छोड़ दिया और वहां से चला गया। कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बाद युवती को लेकर पुरुष वापस अस्पताल के बाहर निकला और कार में बैठकर तेजी से चला गया।
महिलाओं ने जताई नाराजगी
कोरोना संक्रमण की पुष्टि और ओपीडी के बाहर जांच किट व ग्लब्स पड़ा देख अगल-बगल बैठी महिलाओं ने नाराजगी जताई। कई महिलाएं व्यवस्था को कोसते हुए अपने बच्चों को लेकर चली गईं।
डाक्टर की परिचित बताई जा रही है युवती
युवती महिला अस्पताल की ही एक डाक्टर की परिचित बताई जा रही है। नियमानुसार युवती की एंटीजन जिला अस्पताल में होनी थी लेकिन डाक्टर की वजह से महिला अस्पताल में ही जांच हो गई है।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं
जिला महिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. उनके श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना संक्रमण से सभी को बचाना हमारी जिम्मेदारी है। डाक्टर, नर्स और सभी कर्मचारियों को सतर्कता बरतनी चाहिए। अस्पताल में गर्भवती और मासूम बच्चे आते हैं। इनको सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। आज ही ज्वाइन किया हूं, मामले की जानकारी करूंगा। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।