अन्नदाता परेशान, उर्वरक विक्रेता बेलगाम
कुशीनगर में साधन सहकारी समितियों पर खाद की कमी की वजह से किसान परेशान हैं किसानों का कहना है कि समितियों पर एक ओर जहां खाद नहीं मिल रही है वहीं निजी दुकानदार मनमानी कीमत वसूल रहे हैं जिससे खाद का संकट बढ़ गया है। किसान परेशान हैं।
कुशीनगर : साधन सहकारी समितियों में किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। इसका फायदा निजी उर्वरक विक्रेता उठा रहें हैं। महंगे दाम पर किसानों को खाद लेना मजबूरी बन गई है। जिम्मेदार समस्या के प्रति उदासीन हैं। गोदामों से खाद नदारद है। अगर कहीं खाद आ भी रही है तो उसे भी साठ-गांठ कर निजी उर्वरक विक्रेता के गोदाम में भेज दिया जा रहा है। एक ओर अन्नदाता परेशान हैं तो दूसरी ओर उर्वरक विक्रेता बेलगाम हो गए हैं।
किसानों का कहना है कि सरकार भी किसानों के प्रति संवेदनहीन बनी हुई है। ऐसे में किसानों की आय कैसे दोगुनी होगी। सरकारी स्तर से उर्वरक विक्रेताओं को निर्देश है कि एक बार में एक किसान को पांच बोरी खाद दी जाए। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ विक्रेता खाद की किल्लत बताकर किसानों को महंगे दामों पर बेच रहे हैं। इससे सबसे अधिक नुकसान किसानों का हो रहा है। उन्हें खेतों की बोआई के लिए महंगे दामों पर खाद लेनी पड़ रही है।
किसान भुलन कुशवाहा ने बताया कि गेहूं की बोआई के लिए खाद की बहुत आवश्यकता है। खेत निराई-गुणाई कर तैयार कर दिया गया है खाद के अभाव में बोआई नहीं हो पा रही है। धान की फसल अतिवृष्टि ले गई। अब गेहूं पर भी संकट आ गया है। डाई की सरकारी दर 1210 रुपये प्रति बोरी जबकि यूरिया 280 रुपये है। लाइसेंसी विक्रेता बाजार में एक बोरी डाई की कीमत 1300 रुपये यूरिया की कीमत 300 रुपये वसूल रहे हैं। बोरी का वजन 45 किलो है।
रफीक शेख ने बताया कि खेती कराने के लिए निजी उर्वरक विक्रेताओं से खाद खरीदना मजबूरी बन गई है। विक्रेता निर्धारित मूल्य से काफी वसूल रहे हैं। जिम्मेदार भी समस्या के प्रति उदासीन हैं।
एडीओ एजी कसया विशुनदेव प्रसाद ने कहा कि सभी साधन सहकारी समितियें पर यूरिया उपलब्ध है। एनपीके खाद की अनुपलब्धता है। निजी उर्वरक विक्रेता भी निर्धारित मूल्य से अधिक दाम नहीं ले सकते हैं अगर शिकायत मिली तो दुकान सीज करते हुए उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।