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Ankur Murder Shukla case: स्वजन को गोरखपुर पुलिस पर भरोसा नहीं, स्वतंत्र एजेंसी से की जांच कराने की मांग

Ankur Murder Shukla case गोरखपुर के अंकुर शुक्ला के स्वजन को गोरखपुर पुलिस पर भरोसा नहीं है। उनका कहना है कि गोरखपुर पुलिस हत्यारोपितों की मदद में लगी हुई है। गोरखपुर पुलिस मामले की जांच करेगी तो हत्यारोपितों को सजा ही नहीं होगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 04:39 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 04:39 PM (IST)
Ankur Murder Shukla case: स्वजन को गोरखपुर पुलिस पर भरोसा नहीं, स्वतंत्र एजेंसी से की जांच कराने की मांग
अंकुर के पर‍िजनों से म‍िलते समाजवादी पार्टी के नेता। - जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर के रामगढ़ताल के रामपुर गांव निवासी अंकुर शुक्ला के स्वजन को भी गोरखपुर पुलिस पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा है कि अंकुर के हत्या की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए। उनका कहना है कि गोरखपुर पुलिस हत्यारोपितों की मदद में लगी हुई है। गोरखपुर पुलिस मामले की जांच करेगी तो हत्यारोपितों को सजा ही नहीं होगी।

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सीबीआइ जांच के ल‍िए सड़क पर उतरेंगे पर‍िजन

मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग को लेकर सोमवार को अंकुर के स्वजन कलेक्ट्रेट परिसर से लेकर मंडलायुक्त परिसर तक एक जुलूस निकालकर प्रदर्शन करने वाले हैं। उन्हें समाजवादी पार्टी के लोगों ने भी आश्वास्त किया है कि उनके प्रदर्शन में वह भी उनका सहयोग करेंगे। मृतक अंकुर शुक्ला के बड़े भाई राहुल शुक्ला ने कहा कि उनके परिवार पर गोरखपुर पुलिस पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि बीते 14 जून को उनके घर में जब चोरी हुई थी तो वह रामगढ़ताल थाना पुलिस चाहते थे कि आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई हो। उन्होंने बताया कि आरोपितों को घर में घुसते हुए उनके परिवार ने रंगेहाथ पकड़ लिया था। उन्हें पकड़ने की कोशिश तो मुहल्ले के ही तमाम लोगों ने उनका घर घेर लिया था।

पहले भी हुई थी मारपीट

मामला रामगढ़ताल थाने पर गया तो तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक ने कहा कि पहले समझौते के लिए दबाव बनवाया, लेकिन जब उनका परिवार तैयार नहीं हुआ तो उन्होंने तत्कालीन नौकायान चौकीइंचार्ज के जरिये उनके भाई अंकुर शुक्ला को उठवा लिया था। सीधे धमकी दी थी कि यदि समझौता नहीं किए तो उनके परिवार को मुकदमे में फंसा दिया जाएगा। मजबूरन उनके परिवार को समझौता करना पड़ा। उन्होंने कहा कि सिर्फ इतना ही नहीं, उनके घर से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर आबादी के बीच में उनके भाई की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, लेकिन मुहल्ले से किसी ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की। अब हत्यारोपित सीधे आत्मसमर्पण कर रहे हैं। पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। स्पष्ट है कि पुलिस आरोपितों की मदद में लगी हुई है।

अध‍िकार‍ियों पर कार्रवाई की मांग

राहुल ने कहा कि मामले की जब तक किसी उच्च स्तरीय स्वतंत्र एजेंसी से जांच नहीं होगी उनके परिवार को न्याय नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा एडीएम की बर्खास्तगी, हत्यारोपितों को फांसी व परिवार के सुरक्षा की मांग को लेकर सोमवार को उनका परिवार कलेक्ट्रेट परिसर से लेकर मंडलायुक्त कार्यालय तक जुलूस निकालेगा। रविवार को अंकुर के स्वजन से मिलने गए सपा प्रतिनिधि मंडल में शामिल लोगों ने कहा कि दुख की घड़ी वह पूरी तरह से पीड़ित परिवार के साथ हैं। पीड़ित परिवार से मिलने वालों में सपा के विश्वजीत त्रिपाठी सोनू, कीर्ति निधि पाण्डेय, कृष्ण कुमार त्रिपाठी, राजीव पाण्डेय, अधिवक्ता संतोष यादव, कुश कुमार सिंह, शशिकांत दुबे सहित गविश दुबे, प्रदीप मिश्रा, रिंकू, बृजेश दुबे, गौरव राय आदि शामिल रहे।


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