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सुपोषण के साथ मतदान को जागरूक करेंगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

परिवार में कितने लोग हैं कितने बच्‍चे हैं और उनकी स्थिति कैसी है इस बात की जानकारी ली जाएगी। इसके बाद नियमित रूप से समीक्षा भी की जाएगी। कार्यकर्ता परिवार की महिला एवं पुरुष सदस्यों को मतदान की महत्ता बताएंगी और वोट वाले दिन मतदान जरूर करने का संकल्प दिलाएंगी।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 03:35 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 03:35 PM (IST)
सुपोषण के साथ मतदान को जागरूक करेंगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
सुपोषण के साथ मतदान को जागरूक करेंगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, उमेश पाठक। गोरखपुर जिले को कुपोषणमुक्त बनाने में जुटी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नया अभियान शुरू करने की जिम्मेदारी दी गई है। जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी कार्यकर्ताओं के क्षेत्र में 100 ऐसे परिवारों का चयन किया जाएगा, जिनकी आर्थिक स्थिति सर्वाधिक कमजोर है। उन परिवारों में पोषाहार के वितरण के साथ ही सुपोषण के लिए निर्धारित 10 हस्तक्षेपों के बारे में बताया जाएगा, साथ ही विधानसभा चुनाव 2022 में मतदान जरूर करने की अपील की जाएगी। सभी घरों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर्ची देंगी, जिसपर 10 हस्तक्षेपों के फायदे के साथ मतदान करने की महत्ता भी लिखी होगी।

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जिले को कुपोषण मुक्‍त करने का फैसला

जिले को पूरी तरह से कुपोषणमुक्त करने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम करने का निर्णय लिया गया है। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने डीपीओ एवं सीडीपीओ को हर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के क्षेत्र में 10-10 घरों को पूरी तरह से कुपोषणमुक्त बनाने का निर्देश दिया है। इन परिवारों का चयन कर हर विवरण विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा। परिवार में कितने लोग हैं, कितने बच्‍चे हैं और उनकी स्थिति कैसी है, इस बात की जानकारी ली जाएगी। इसके बाद नियमित रूप से समीक्षा भी की जाएगी। कार्यकर्ता परिवार की महिला एवं पुरुष सदस्यों को मतदान की महत्ता बताएंगी और वोट वाले दिन मतदान जरूर करने का संकल्प दिलाएंगी।

इन बातों का देना होगा ध्यान

- जन्म के एक घंटे के अंदर बच्‍चे को स्तनपान कराएं।

- शिशु को जन्म के छह माह तक केवल मां का दूध दें।

- छह माह के बाद मां के दूध के साथ ऊपरी पोषक आहार देना शुरू करें।

- आहार को बढ़ती आयु के साथ बढ़ाएं। गरिष्ठता एवं गुणवत्ता का ध्यान रखें तथा मां का दूध दो वर्ष तक पिलाएं।

- बच्‍चों को विटामिन ए, आयरन, जिंक, ओआरएस, आयोडीन से आच्‍छादित करें ताकि उनकी प्रतिरक्षण क्षमता बनी रहे तथा वे बीमारी से सुरक्षित रहें।

- रोगों से बचाव के लिए साफ-सफाई पर ध्यान दें।

- अस्वस्थ बच्‍चों की अच्‍छी तरीके से देखभाल की जाए।

- अतिकुपोषित बच्‍चों की समय से पहचान कर उनका प्रबंधन किया जाए।

- किशोरियों में एनीमिया की रोकथाम, पोषण व स्वास्थ्य स्थिति में सुधार किया जाए।

- गर्भवती महिलाओं की सही ढंग से देखभाल की जाए।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के क्षेत्र में सौ सबसे गरीब परिवारों का किया जा रहा चयन

जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के क्षेत्र में 100 सबसे गरीब परिवारों का चयन किया जा रहा है। उनके यहां ब'चों को पूरी तरह से सुपोषित बनाया जाएगा। कार्यकर्ता परिवार के सदस्यों को मतदान के लिए जागरूक भी करेंगी।


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