धक्का-मुक्की के बीच लोगों ने कराई कोरोना जांच
जोगिया सीएचसी में मतगणना अभिकर्ता बनने के लिए गुरुवार को प्रत्याशी व उनके समर्थकों का हुजूम उमड़ा। स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए दो काउंटर खोले थे। लेकिन भीड़ के सामने वह नाकाफी साबित हुआ। स्वास्थ्य कर्मियों ने एंटीजन किट से जांच की।
सिद्धार्थनगर : जोगिया सीएचसी में मतगणना अभिकर्ता बनने के लिए गुरुवार को प्रत्याशी व उनके समर्थकों का हुजूम उमड़ा। स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए दो काउंटर खोले थे। लेकिन भीड़ के सामने वह नाकाफी साबित हुआ। स्वास्थ्य कर्मियों ने एंटीजन किट से जांच की। आरटीपीसीआर का नमूना एकत्र किया। तीन बजे तक कुल 400 लोगों की जांच की गई। एंटीजन किट जांच में 25 लोग पाजिटिव मिले हैं।
सीएचसी जोगिया में सुबह से ही कोरोना जांच के लिए लोगों की भीड़ लगी। जोगिया थाना पुलिस भीड़ को नियंत्रित करती रही। दो बजे के बाद भीड़ बढ़ गई। लोगों के हुजूम के सामने फोर्स ने हाथ खड़े कर दिए। दरोगा के साथ पुलिसकर्मी वापस लौट गए। इसके बाद अव्यवस्था फैल गई। इसे देख स्वास्थ्य कर्मियों ने भी जांच बंद कर दी।
सीएचसी जोगिया के चिकित्साधिकारी डा. मानवेंद्र पाल ने कहा कि कोरोना जांच के लिए दो काउंटर लगाए गए थे। 400 लोगों का एंटीजन टेस्ट किया गया है। इनके आरटीपीसीआर जांच के लिए नमूने भी एकत्र किए हैं। इसके बाद भी कई लोगों को वापस जाना पडा । अब काउंटर की संख्या बढ़ाई जाएगी। शेष बचे हुए लोगों की जांच होगी। टेलीमेडिसिन सुविधा बंद होने से मरीज परेशान सिद्धार्थनगर : टेली मेडिसिन चिकित्सा पद्धति कोरोना संक्रमण के दौर में बीते एक वर्ष से मरीजों के इलाज में सहायक बनी हुई थी। वेब कैमरे के जरिये यहां के मरीज लखनऊ व मथुरा में बैठे चिकित्सकों से अपनी पीड़ा बयां करते और चिकित्सक मरीजों के लिए दवा व इलाज के तरीके बताते। नई प्रणाली से मरीजों का इलाज आसान हुआ था। उन्हें अस्पताल का चक्कर लगाने से निजात मिली, लेकिन बढ़ते संक्रमण से सीएचसी बेवां में चल रही इस सेवा को बंद कर दिया गया। जिससे मरीज परेशान हैं।
डुमरियागंज तहसील क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में काम हुआ है। सीएचसी बेवां को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कर यहां टेली मेडिसिन की सुविधा शुरू हुई। इसके जरिए लखनऊ में दो कमांड सेंटर बने हैं व मथुरा में एक। स्पेशलिस्ट चिकित्सक मरीजों के इलाज में सहयोग कर रहे थे। तैनात आपरेटर प्रवीण कुमार और सरिता श्रीवास्तव कहते हैं कि संक्रमण बढ़ने के चलते ओपीडी बंद है। परामर्श के लिए यह सेवा कारगर थी, लेकिन इसे बंद कर दिया गया। जबकि पड़ोसी जिले बस्ती में यह सेवा चल रही है। बताया कि उन लोगों का मानदेय भी दो माह से नहीं मिला। मरीज नेबू लाल बताते हैं कि कमर में पिछले पंद्रह दिनों से बहुत दर्द है, कई डाक्टरों को दिखाया परंतु आराम नहीं हुआ। टेली मेडिसिन के बारे में जानकारी मिली तो वीडियो कालिग से विशेषज्ञ डाक्टर को दिखाया। फिर दिखाना था, लेकिन सेवा ही बंद कर दिया गया। दीपांशु, संजू, असलम, दिनेश, प्रयाग आदि मरीजों ने सेवा बंद होने पर निराशा व्यक्त की। सीएचसी अधीक्षक डा. वीएन चतुर्वेदी ने कहा अधिक संख्या में कोरोना संक्रमित आने लगे थे, सुरक्षा को देखते हुए सेवा बंद की गई है। स्थिति ठीक होने पर पुन: शुरू कर दिया जाएगा।