दो हजार रुपये और दो, नहीं तो रास्ते में ही उतार दूंगा मरीज.. Gorakhpur News
गोरखपुर में कोरोना संक्रमित एक मरीज के स्वजन को एंबुलेंस संचालक ने धमकी दी कि दो हजार रुपये उसे अतिरिक्त दें नहीं तो वह रास्ते में ही उनका मरीज उतार देगा। मरीज के स्वजन के दो हजार रुपये देने पर वह उसे लेकर मेडिकल कालेज गया।
गोरखपुर, जेएनएन। प्रशासन व पुलिस की सख्ती बरतने के बावजूद एंबुलेंस संचालकों की मनमानी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। गुरुवार शाम कोरोना संक्रमित एक मरीज के स्वजन को एंबुलेंस संचालक ने धमकी दी कि दो हजार रुपये उसे अतिरिक्त दें, नहीं तो वह रास्ते में ही उनका मरीज उतार देगा। मरीज के स्वजन के दो हजार रुपये देने पर वह उसे लेकर मेडिकल कालेज गया।
तीन हजार रुपये में भाड़ा तय करने के बाद रास्ते में दो हजार रुपये की अतिरिक्त वसूली
देवरिया जिले के रुद्रपुर थाना क्षेत्र के मिश्रौलिया निवासी रविंद्र कुशवाहा की तबीयत खराब होने पर उन्हें दाउदपुर के रचित नर्सिंग होम में भर्ती किया गया। जांच के दौरान पता चला कि वह कोरोना संक्रमित हैं। चिकित्सकों ने उन्हें मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। मेडिकल कालेज लाने के लिए एक निजी एंबुलेंस चालक ने मरीज के स्वजन से तीन हजार रुपये की मांग की। रास्ते में चालक स्वजन से दो हजार रुपये और मांगने लगा। साथ ही धमकी दी कि रुपये नहीं दोगे तो मरीज को रास्ते में ही उतार दूंगा। मजबूरी में उन्होंने दो हजार रुपये और दिये।
मेडिकल कालेज पहुंचने पर मरीज के साले संजय कुशवाहा निवासी गौरीबाजार जिला देवरिया ने इसकी जानकारी मेडिकल चौकी इंचार्ज को दी। उनकी तहरीर पर वह चालक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है। पुलिस ने एंबुलेंस को कब्जे में लेकर चालक को हिरासत में ले लिया है।
1500 रुपये है शहर के भीतर का किराया
एंबुलेंस संचालकों की मनमानी को लेकर जागरण ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। उसे गंभीरता से लेते हुए प्रशासन, पुलिस, संभागीय परिवहन विभाग की टीम ने एंबुलेंस संचालकों के साथ मीटिंग कर दर निर्धारित किया था। इसके अनुसार शहर में यदि किसी को एंबुलेंस की जरूरत पड़ती है तो उसे अधिकतम 1500 रुपये किराया देना होगा, लेकिन यहां चालक ने 1500 की बजाय पांच हजार रुपये की वसूली की है।
यह अत्यंत गंभीर अपराध है। चालक के विरुद्ध मुकदमा लिखने की तैयारी की जा रही है। - विनोद अग्निहोत्री, प्रभारी निरीक्षक गुलरिहा।