पूर्वांचल के इन जिलों में चलता है अमरजीत गैंग का सिक्का, खौफ के पर्याय हैं इस गैंग के सदस्य Gorakhpur News
गोरखपुर के अमरजीत गैंग का खौफ पूर्वांचल के कई जिलों में है। पुलिस ने इस गैंग पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। अमरजीत यादव गैंग पिछले एक दशक से गोरखपुर,आजमगढ, मऊ और अंबेडकर नगर जनपद के सीमावर्ती इलाकों (दियारा )में खौफ का पर्याय बना हुआ है। दियारा में महफूज ठिकाना बनाने वाले इस गैंग का मुख्य पेशा भाड़े पर हत्या, लूट, डकैती और धन उगाही है। अवैध बालू के खनन में भी यह गैंग सक्रिय है गोरखपुर जनपद के गोला, बेलघाट, सिकरीगंज, उरूवा थाना क्षेत्र के व्यापारियों में अमरजीत गैंग की दहशत है। सरगना अमरजीत यादव आमजगढ़ जेल में बंद है। गैंग की कमान उसके भाई रामजीत के हाथों में है।
आजमगढ़ जिले के कुख्यात अमरजीत व उसके गैंग के सदस्यों का गोरखपुर पनाहगाह रहा है। करीब एक दशक से गोरखपुर में सक्रिय अमरजीत गैंग के बदमाश लूट, रंगदारी और हत्या की वारदातों को अंजाम देते रहे हैं। दक्षिणांचल में जहां इनके खौफ का सिक्का चलता है, वहीं शहर के भीतर किराए पर कमरा लेकर बदमाशों ने अपनी गहरी पैठा बना ली।
आजमगढ़, महराजगंज के हथियागढ़ का अमरजीत यादव वर्ष 2015 में नाटकीय तरीके से जेल पहुंचा था। जिसके बाद गैंग की कमान रामजीत के हाथों में है। वर्ष 2016 से ही रामजीत गोरखपुर में सक्रिय है। 2018 में गोला थाने में बालू के ठेकेदार ने उसके खिलाफ रंगदारी मांगने का केस दर्ज कराया था। पुलिस का दबाव बढ़ने पर उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जमानत पर छूटने के बाद राधे यादव के साथ दियारा में सक्रिय हो गया था।
26 साल से जरायम की दुनिया में सक्रिय है राधे
बांसगांव के धस्का गांव का रहने वाला राधेश्याम यादव उर्फ राधे 26 साल से जरायम की दुनिया में सक्रिय है। वर्ष 1994 में उसके खिलाफ बांसगांव थाने में लूट का पहला केस दर्ज हुआ था। घटना दो साल बाद उसने हत्या कर दी। जेल में राधे की मुलाकात अमरजीत से हुई। जिसके बाद वह उसके गैंग का सक्रिय सदस्य बन गया।
अमरजीत के साथी राधे यादव को पुलिस ने दबोचा
बता दें कि बांसगांव पुलिस ने सोमवार की देर रात धोबहा के बाद कुख्यात अमरजीत के भाई रामजीत और उसके साथी राधेश्याम यादव उर्फ राधे घेर लिया। पुलिस पर फायरिंग कर बदमाशों ने भागने का प्रयास किया। थानेदार की जवाबी कार्रवाई में टॉप 10 बदमाशों में शामिल राधे के दाएं पैर में गोली लग गई और पुलिस ने दबोच लिया। उसके ऊपर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। रामजीत यादव चकमा देकर फरार हो गया।
दो दिन पहले पुलिस पर फायरिंग हुआ था फरार
26 जुलाई की रात में बांसगांव पुलिस ने रुपये के लेनदेन में युवक को गोली मारने वाले 10 हजार रुपये के इनामी खजनी के गौड़सैया निवासी अभय मौर्या को सोहगौरा के पास घेर लिया। अभय के साथ धस्का गांव का रहने वाला राधे यादव भी था। पुलिस के ऊपर फायरिंग वह फरार हो गया था। घेराबंदी कर पुलिस ने अभय को दबोच लिया था।