गरीब छात्रों को गोद लेंगे एमएमएमयूटी गोरखपुर के पूर्व छात्र
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय प्रशासन ने गरीब छात्रों की मदद की पहल की है। विश्वविद्यालय गरीब विद्यार्थियों के गोद लेने की व्यवस्था कर रहा है। यह जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन ने एलुमिनाई यानी पुरातन छात्रों को सौंपने की योजना बनाई है।
गोरखपुर, डा. राकेश राय। अपने किसी विद्यार्थी की आर्थिक तंगी की वजह से पढ़ाई बाधित न हो, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय प्रशासन इसका पुख्ता इंतजाम करने जा रहा है। विश्वविद्यालय गरीब विद्यार्थियों के गोद लेने की व्यवस्था कर रहा है। यह जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन ने एलुमिनाई यानी पुरातन छात्रों को सौंपने की योजना बनाई है। योजना के क्रियान्वयन की शुरुआत भी हो चुकी है। दो गरीब छात्रों का चयन किया जा चुका है, जिसे गोद लेने के लिए विश्वविद्यालय के एक एलुमिनाई ने हामी भर दी है।
अन्य गरीब छात्रों के चयन के लिए समिति के गठन की है तैयारी
कई अन्य एलुमिनाई के सामने भी विश्वविद्यालय यह प्रस्ताव रखने जा रहा है। साथ ही ऐसे अन्य विद्यार्थियों के चयन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और अपनी फीस तक भरने में असमर्थ हैं। इसके लिए विद्यार्थियों से आवेदन पत्र मांगा गया है। आवेदन करने वाले विद्यार्थी की गरीबी का सत्यापन करने के लिए विश्वविद्यालय एक समिति का गठन करने जा रहा है। यह समिति विद्यार्थी द्वारा दिए गए गरीबी के प्रमाण की पड़ताल करेगी। पड़ताल में गरीब पाए जाने पर संबंधित विद्यार्थी का नाम समिति विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण विभाग को सौंपेगी।
छात्र कल्याण विभाग उस विद्यार्थी को गोद लेने का प्रस्ताव एलुमिनाई को भेजेगा। जो एलुमिनाई सामने आएगा, उसे उस विद्यार्थी की फीस भरने की जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी। इ'छा जाहिर करने पर एलुमिनाई की विद्यार्थी से मुलाकात भी कराई जाएगी ताकि एलुमिनाई और विद्यार्थी दोनों को मदद देने और मदद लेने की संवेदना का अहसास हो सके। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक बहुत से ऐसे विद्यार्थी हैं, जो मेधावी तो है लेकिन उनके अभिभावक फीस भरने में सक्षम नहीं हैं। वह हर वर्ष जैसे-तैसे फीस का इंतजाम करते हैं।
गोपनीय रखा जाएगा विद्यार्थी का नाम
गरीब विद्यार्थी गोद लिए जाने की वजह से हीन भावना न आने पाए, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके लिए चयनित विद्यार्थियों का नाम गोपनीय रखने का निर्णय लिया है। गोद लेने के लिए आगे आने वाले एलुमिनाई का नाम सार्वजनिक हो या नहीं, यह निर्णय संबंधित एलुमिनाई का होगा। चयनित विद्यार्थी के फीस की रकम एलुमिनाई सीधे विश्वविद्यालय के खाते में भेजेगा, जिससे गोपनीयता बरतना आसान होगा।
विश्वविद्यालय की पूरी कोशिश है कि आर्थिक तंगी की वजह से किसी विद्यार्थी की पढ़ाई बाधित न होने पाए और न ही उसकी प्रतिभा तंगी की वजह से दबने पाए। इसी को ध्यान मेंं रखकर विश्वविद्यालय की ओर से गरीब विद्यार्थियों को गोद लेने की योजना बनाई गई है। दो विद्यार्थियों को गोद लेने के लिए एक एलुमिनाई के आगे आने के बाद विश्वविद्यालय की योजना फलीभूत होती दिखने लगी है। जल्द ही अन्य गरीब और जरूरतमंद विद्यार्थियों का चयन करके उन्हें गोद लेने का प्रस्ताव अन्य एलुमिनाई के सामने रखा जाएगा। - प्रो. जेपी पांडेय, कुलपति, एमएमएमयूटी।