जिला पंचायत सदस्यों का सांसद और विधायकों पर आरोप, रुक गया है विकास कार्य Gorakhpur News
जिला पंचायत संघ के अध्यक्ष एसपी सिंह कहते हैं कि पहले जिला पंचायतों में पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि मनरेगा व 13 वां वित्त का रुपया मिलता था।
गोरखपुर, जेएनएन। जिला पंचायत में इन दिनों विकास कार्य पूरी तरह ठप है। इसका प्रमुख कारण विभिन्न मदों से मिलने वाली धनराशि का रुकना है। वैसे तो जिला पंचायत का क्षेत्र काफी बड़ा है लेकिन सदस्यों का आरोप है कि उनके बजट काफी कम कर दिए गए हैं। मनरेगा योजना व 13वां वित्त गांवों में चालू है लेकिन क्षेत्र व जिला पंचायत में इसकी फंडिंग बंद हो गई है। इसी तरह पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि को 2014 में बंद कर दिया गया। सिमटते बजट के कारण सदस्यों में भी मायूसी है। अब उन्हें केवल राज्य वित्त के बजट का ही सहारा है।
जिला पंचायत सदस्यों में आक्रोश
बजट कम होने से जिला पंचायत सदस्य खासा आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि क्षेत्र में विकास कार्य नहीं होने से जनता सवाल कर रही है जिसका सदस्यों के पास कोई जवाब नहीं है। बाहरी प्रस्ताव को शामिल करना ही सभी विवादों की जड़ है। जिला पंचायत संघ के अध्यक्ष एसपी सिंह कहते हैं कि पहले जिला पंचायतों में पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि, मनरेगा व 13 वां वित्त का रुपया मिलता था लेकिन इसे चरणबद्ध तरीके से बंद कर दिया गया है। उनके मुताबिक सांसदों व विधायकों के बढ़ते दखल से सदस्यों की चिंता बढ़ती जा रही है। पवन सिंह व पंकज शाही आदि सदस्यों का कहना है कि सबकी निधियां बढ़ रही है जबकि जिला पंचायत सदस्यों की निधि को कम किया जा रहा है। मायाशंकर शुक्ल कहते हैं कि जिला पंचायत का इस साल का 41 करोड़ का बजट है। वेतन आदि की कटौती कर इसी में विकास कार्य कराए जाने हैं लेकिन 10 माह बीतने को हैं अभी तक कोई भी निविदा ही नहीं निकाली गई है।
गतिरोध दूर करने के लिए चल रही वार्ता
इस संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष गीतांजलि यादव का कहना है कि राज्य वित्त के अनुदान का पत्र प्राप्त हो गया है। उसी आधार पर बोर्ड ने प्रत्येक सदस्यों के क्षेत्र में विकास कार्य कराने के लिए 40-40 लाख रुपये का प्रस्ताव पास किया था। गतिरोध दूर करने के लिए अपर मुख्य अधिकारी से वार्ता चल रही है। 27 जनवरी को सभी निर्णय कर लिए जाएंगे। इसके बाद विकास कार्य तेजी से शुरू होगा।
अड़चनें दूर कर विकास कार्य को गति दी जाएगी
अपर मुख्य अधिकारी एके सिंह का कहना है कि विकास कार्य को गति देने के लिए सामंजस्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है। बजट आवंटन व सहायक अभियंता की तैनाती नहीं होने के कारण थोड़ी देरी हुई है। सभी अड़चनों को दूर कर विकास कार्य को गति दी जाएगी। सबका उद्देश्य क्षेत्र में तेजी से विकास कार्य कराना होना चाहिए।