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अब सभी रेल लाइनों का होगा विद्युतीकरण, नए मार्ग पर लाइन के साथ बिछेंगे बिजली के तार

अब सभी बड़ी रेल लाइनों का विद्युतीकरण होगा। इसके अलावा अब कहीं भी नई रेल लाइन बिछेगी तो वह इलेक्ट्रिफाइड ही होगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Aug 2019 11:30 AM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2019 11:30 AM (IST)
अब सभी रेल लाइनों का होगा विद्युतीकरण, नए मार्ग पर लाइन के साथ बिछेंगे बिजली के तार
अब सभी रेल लाइनों का होगा विद्युतीकरण, नए मार्ग पर लाइन के साथ बिछेंगे बिजली के तार

गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे में जो भी नई रेल लाइन बिछेगी वह इलेक्ट्रिफाइड होगी। रेल लाइन बिछने के साथ ही विद्युतीकरण का काम भी पूरा किया जाएगा। यह तो हुई नई रेल लाइन की बात। पुरानी रेल लाइनों के लिए बोर्ड पहले ही सभी लाइनों को विद्युतीकृत करने की स्वीकृति दे चुका है, जिस पर काम चल रहा है। बोर्ड के इस फैसले से आने वाले दिनों में इस इलाके की सभी ट्रेनें बिजली की गति से निर्धारित होंगी।

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इस मार्ग को मिली विद्युतीकरण की मंजूरी

रेल मंत्रालय ने नए रेलमार्ग खलीलाबाद- मेहदावल-बांसी-डुमरियागंज-उतरौला-बलराम-श्रावस्ती-भिंगा-बहराइच लगभग 240 किमी के विद्युतीकरण की भी स्वीकृति दे दी है। रेल लाइन बिछाने के लिए लगभग 500 और विद्युतीकरण के लिए करीब 270 करोड़ आवंटित है। दो मार्च 2019 को रेलमंत्री पीयूष गोयल ने इस रेलमार्ग का शिलान्यास किया था।

इन रेल मार्गो के लिए 125 करोड़ का बजट प्रस्तावित

सहजनवां-दोहरीघाट नए रेलमार्ग 80 किमी और आमान परिवर्तित मार्ग इंदारा-दोहरीघाट 35 किमी के विद्युतीकरण भी स्वीकृति मिल चुकी है। इन दोनों रेलमार्गो के लिए करीब 125 करोड़ बजट प्रस्तावित है। 17 जुलाई 2019 को कैबिनेट ने सहजनवां-दोहरीघाट नई रेल लाइन को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी। इसके लिए 1320 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुका है।

खास बात यह है कि पूर्वोत्तर रेलवे के जिन नए रेल मार्गो की स्वीकृति नहीं मिली है और सर्वे आदि कार्य पूरे हो चुके हैं उन मार्गो पर भी विद्युतीकरण की योजना तैयार कर ली गई है। यानी, भविष्य में कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद कपिलवस्तु-बस्ती 91 किमी, गोरखपुर के रास्ते पडरौना-कुशीनगर 64 किमी, महराजगंज के रास्ते आनंदनगर-घुघली 50 किमी तथा एटा-कासगंज 30 किमी नए मार्ग पर भी रेल लाइन के साथ विद्युतीकरण शुरू हो जाएगा। फिलहाल, आमान परिवर्तन और दोहरीकरण के साथ विद्युतीकरण का कार्य भी चल रहा है। अब तो सिंगल रेल लाइनों का भी विद्युतीकरण हो रहा है। वर्तमान में बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा मुख्य रेलमार्ग के अलावा ब्लाक हट ए-डालीगंज, छपरा-बलिया और सारनाथ-वाराणसी सिटी रूट पर इलेक्ट्रिक ट्रेनें चल रही हैं।

पूर्वोत्तर रेलवे में 800 किमी रेल का विद्युतीकरण पूरा

पूर्वोत्तर रेलवे के तीनों मंडल में लगभग 800 किमी रेल लाइन का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है। जिन मार्गो पर इलेक्ट्रिक ट्रेने चल रही हैं, उनको छोड़कर गोरखपुर-कप्तानगंज-वाल्मीकिनगर लगभग 100 किमी, कप्तानगंज-थावे 100 किमी, औंड़िहार-जौनपुर 65 किमी, मथुरा-कासगंज 125 किमी, कासगंज-फर्रुखाबाद 125 किमी, फर्रुखाबाद-कल्याणपुर 156 किमी। वाराणसी-इलाहाबाद 159 और मनकापुर-कटरा-अयोध्या 45.6 किमी रेलमार्ग का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है।

इन रेलमार्गो का भी

होगा विद्युतीकरण

- गोरखपुर-आनंदनगर-गोंडा और आनंदनगर-नौतनवां (261 किमी)।

- गोंडा-बहराइच रेलमार्ग (59.84 किमी)।

- हथुआ-बथुआ बाजार-भटनी नई लाइन (79.6किमी)।

- दुरौंधा-महराजगंज-मशरख रेलमार्ग (41.53 किमी)।

- पनियहवां-छितौनी-तमकुही रोड (67.69 किमी)।

- सलेमपुर-बरहज बाजार (20.25 किमी)।

- मुरादाबाद-काशीपुर-रामनगर-रामपुर-लालकुआं-काठगोदाम (309 किमी)।

- शाहजहांपुर-पीलीभीत-टनकपुर (145.46 किमी)।

- मंधाना जंक्शन-ब्रह्मावर्त (आठ किमी)।

- भटनी-सलेमपुर-औंड़िहार- इंदारा 125 किमी और थावे-छपरा करीब 100 किमी।

पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि सभी बड़ी रेल लाइनों का विद्युतीकरण होना है। रेलवे बोर्ड ने स्वीकृति दे दी है। निर्माण के साथ ही नए रेल मार्गो का भी विद्युतीकरण किया जाएगा।

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