गोरखपुर में कोविड अस्पताल लगभग खाली, फरवरी से हो जाएंगे बंद
शहर में कुल 13 कोविड अस्पताल हैं। इसमें से 10 पूरी तरह मरीजों से खाली हो चुके हैं। 20 नवंबर के बाद से ही उन अस्पतालों में कोरोना के मरीज नहीं भर्ती हुए। लगभग वे बंद ही हो चुके हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। लगभग 10 माह मरीजों की दिन-रात सेवा करने वाले कोविड अस्पतालों के बंद होने का समय आ गया है। ज्यादातर अस्पताल खाली हो गए हैं। केवल तीन अस्पताल ऐसे हैं जिसमें बहुत कम मरीज भर्ती हैं। संक्रमितों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। फरवरी से इन्हें बंद करने की तैयारी चल रही है। केवल बीआरडी में 25-30 बेड का अस्पताल एहतियात के तौर पर रखा जाएगा, ताकि जरूरत पडऩे पर मरीजों को वहां भर्ती किया जा सके।
शहर में कुल 13 कोविड अस्पताल
शहर में कुल 13 कोविड अस्पताल हैं। इसमें से 10 पूरी तरह मरीजों से खाली हो चुके हैं। 20 नवंबर के बाद से ही उन अस्पतालों में कोरोना के मरीज नहीं भर्ती हुए। लगभग वे बंद ही हो चुके हैं। लेकिन अधिकारिक रूप से उनकी बंदी की घोषणा अभी नहीं की गई है। केवल बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज, पैनेसिया व फातिमा अस्पताल में बहुत कम मरीज भर्ती हैं। बीआरडी को छोड़कर शेष सभी को फरवरी से बंद करने की तैयारी चल रही है। ताकि कोरोना के लिए आरक्षित बेडों पर अन्य बीमारियों के मरीजों का इलाज किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग इन्हें बंद करने के लिए सरकार के निर्देश का इंतजार कर रहा है।
अब कोविड अस्पतालों की कोई जरूरत नहीं
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुधाकर पांडेय का कहना है कि अब ज्यादा कोविड अस्पतालों की जरूरत नहीं रह गई है। उम्मीद है कि इसी माह शासन से इन्हें सामान्य अस्पताल में तब्दील करने का निर्देश आ जाए। फरवरी से कोविड अस्पताल बंद किए जा सकते हैं। केवल बीआरडी में कुछ बेड का अस्पताल रहेगा ताकि जरूरत पडऩे पर मरीजों का इलाज किया जा सका।
बता दें कि कोरोना काल में इन अस्पतालों में भर्ती होने के लिए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। कुछ ऐसे मरीज थे, जिन्हें कई चक्कर लगाने के बाद अस्पतालों में जगह मिल पाई थी। कारेाना मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद लोगों को घरों पर ही क्वारंटाइन करा दिया गया था। अब कोरोना मरीजों की संख्या बेहद कम हो गई है। ऐसे में कोविड के सभी अस्पतालों को बंद कर दिया जाएगा। ताकि सामान्य रूप से वहां पर काम काज हो सके। इसमें कई निजी अस्पताल भी शामिल हैं।