नेपाल में बारिश के कारण यूपी में अलर्ट, नारायणी नदी के जलस्तर में वृद्धि से खड़ा होगा खतरा
नेपाल में बारिश के चलते वाल्मीकि बैराज का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। इससे यूपी की नारायणी नदी के जलस्तर में भी इजाफा होने लगा है। उप्र के महाराजगंज सिद्धार्थनगर कुशीनगर सहित पड़ोसी प्रांत बिहार के कुछ जिलों में बाढ़ का खतरा खड़ा होता दिख रहा है।
गोरखपुर, अजय कुमार शुक्ल : नेपाल के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के चलते वाल्मीकि बैराज का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। इससे यूपी की नारायणी नदी के जलस्तर में भी इजाफा होने लगा है। इस कारण नेपाल से सटे यूपी के महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर सहित पड़ोसी प्रांत बिहार के कुछ जिलों में बाढ़ का खतरा खड़ा होता दिख रहा है। इसको देखते हुए प्रशासन व विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ गए हैं। बांधों की मरम्मत तेज कर दी गई है तो संवेदनशील प्वाइंट को लेकर विशेष बचाव कार्य चल रहा है। बांध के किनारे बसी आबादी को विस्थापित करने के लिए सुरक्षित ठिकाना ढ़ूंढ लिया गया है। ग्रामीण भी खतरे की आहट को भांप पलायन की तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि अभी नारायणी का जल स्तर खतरे के निशान के ऊपर नहीं पहुंचा है, लेकिन हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं।
बाढ़ का मुख्य कारण नेपाल से छोड़े जाने वाला बारिश का पानी ही
दरअसल, यूपी और बिहार में बाढ़ का मुख्य कारण नेपाल से छोड़े जाने वाला बारिश का पानी ही होता है। अब तक जब भी बाढ़ ने तबाही की इबारत लिखी है तो नेपाल के बारिश का पानी ही उसकी विनाशकारी कलम बना है। बीते बुधवार से नेपाल के पहाड़ी इलाकों में बारिश हो रही है। इसका असर यहां देखने को मिला। वाल्मीकिनगर बैराज से बढ़ते क्रम में पानी का डिस्चार्ज होने लगा। सुबह डिस्चार्ज 97500 क्यूसेक था तो चार घंटे बाद 10 बजे 121500 क्यूसेक हो गया। शाम चार बजते-बजते यह 131500 क्यूसेक तक जा पहुंचा। इससे नारायणी का भी जलस्तर बढ़ा और खड्डा तहसील क्षेत्र के मुख्य संपर्क मार्ग रोहुआ नाला के समीप पानी सड़क के ऊपर बहने लगा। आवागमन प्रभावित हो गया। एक सप्ताह पूर्व भी इसके चलते आधा दर्जन गांवों में पानी उतर आया था। जलस्तर में और बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसको ध्यान में रखते हुए बाढ़ खंड, एसडीआरएफ टीम, राजस्वकर्मियों को अलर्ट कर दिया गया है।
यूपी के लिए क्यों खतरनाक होती है नेपाल की बारिश
नेपाल के बाल्मीकि बैराज से आने वाला पानी पहाड़ की ऊंचाई से यूपी के मैदानी भाग में नीचे की ओर आता है। ऐसे में उसका वेग बहुत अधिक होता है। यही वेग बांधों पर दबाव बनाता है तो बाढ़ का कारण भी बनता है।
यूपी में बाढ़ के खतरे की घंटी बजाती है नेपाल की बारिश
एक्सईन बाढ़ खंड के महेश कुमार सिंह ने कहा कि नेपाल की बारिश यूपी में बाढ़ के खतरे की घंटी बजाती है। बारिश का पानी जब नेपाल छोड़ता है तो नारायणी का जल स्तर तो बढ़ता ही है, सबसे अधिक खतरा पानी के वेग से खड़ा होता है। सीधे बांध पर दबाव बढ़ता है तो तटबंध भी टूट जाते हैं। बाढ़ के संभावित खतरे को लेकर तैयारी कर ली गई है।