गोरखपुर में खतरनाक स्तर पर पहुंचा वायु प्रदूषण Gorakhpur News
गोरखपुर में वायु प्रदूषण खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। मंगलवार को गोरखपुर का एक्यूआइ 234 था सामान्य से बहुत अधिक है।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर शहर की आब-ओ-हवा दिन-ब-दिन प्रदूषित होती जा रही है। बच्चों, बजुर्गों और सांस के रोगियों को ध्यान में रखकर यदि आज की तारीख में एयर क्वालिटी एंडेक्स एक्यूआइ देखा जाए तो वह खतरनाक स्थिति तक पहुंच चुकी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से मंगलवार को देश के सर्वाधिक प्रदूषित जिलों का एक्यूआइ जारी होने के बाद जब गोरखपुर का एक्यूआइ जानने की कोशिश की गई तो जो आंकड़े सामने आए वह डराने वाले हैं। मंगलवार को गोरखपुर का एक्यूआइ 234 था, सामान्य से बहुत अधिक है। यदि इस स्थिति पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो वह दिन दूर नहीं जब शहर का हर व्यक्ति सांस का रोगी बन जाएगा।
इस स्तर पर पहुंचा प्रदूषण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वायु गुणवत्ता अनुश्रवण कार्यक्रम के तहत वायु की गुणवत्ता परखने के लिए शहर के तीन अलग-अलग क्षेत्रों में मशीन लगाई गई है। औद्योगिक क्षेत्र में गीडा जबकि व्यावसायिक क्षेत्र की स्थिति जानने के लिए गोलघर के जलकल भवन पर मशीन लगाई गई है। रिहायशी इलाके में हवा की गुणवत्ता मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के आवासीय परिसर में लगी मशीन से परखी जाती है। तीनों स्थानों से मिले आंकड़े का औसत निकाल कर पूरे शहर के एक्यूआइ का आकलन होता है। मंगलवार को आवासीय परिसर का एक्यूआइ 145, व्यवसायिक क्षेत्र का एक्यूआइ 264 और औद्योगिक क्षेत्र का एक्यूआई 299 रिकार्ड किया गया। इस आधार पर औसत एक्यूआइ 234 पाया गया। प्रदूषण विभाग के मानक की बात करें तो एक्यूआइ का स्तर 100 से ऊपर पहुंचते ही सांस के रोगियों की दिक्कत शुरू हो जाती है। 200 एक्यूआइ से अधिक होने पर हर व्यक्ति के सांस के रोगी बनने की संभावना बढ़ जाती है। पर्यावरणविद् प्रो. गोविंद पांडेय का कहना है कि यदि इस पर नियंत्रण के प्रभावी उपाय नहीं हुए तो आने वाले दिनों में स्वस्थ इन्सान भी सांस का रोगी हो जाएगा।
क्या है एक्यूआइ का मतलब
एक्यूआइ का मतलब एयर क्वालिटी इंडेक्स या वायु गुणवत्ता सूचकांक है। इस सूचकांक के जरिए हमें वायुमंडल और वातारण में मौजूद हवा की गुणवत्ता आंकी जाती है।
एक्यूआइ के प्रभाव का मानक
0-50 : बहुत कम असर होता है, खतरा नहीं।
51-100 : बीमार लोगों को सांस लेने में मामूली दिक्कत।
101-200 : ब'चे, बुजुर्ग व दिल, फेफड़ा रोगियों को सांस लेने में दिक्कत।
201-300 : सभी लोगों को सांस लेने में कठिनाइयां हो सकती है।
301-400 : सभी लोग सांस की बीमारियों के घेरे में आ सकते हैं।
401-अधिक : हर स्वस्थ्य इंसान को सांस की बीमारी हो सकती है।