एम्स के रेडियोलाजिस्ट ने छोड़ दी नौकरी, अल्ट्रासाउंड का ठप हो गया काम
एम्स के एकमात्र रेडियोलाजिस्ट डा. पवन कुमार मौर्य ने नौकरी छोड़ दी है इससे अल्ट्रासाउंड जांच पूरी तरह ठप हो गई है। अल्ट्रासाउंड के लिए आने वाले मरीजों को लौटाया जा रहा है। जिन मरीजों ने रुपये जमा कर दिए हैं उन्हें रुपये वापस किए जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एकमात्र रेडियोलाजिस्ट डा. पवन कुमार मौर्य ने नौकरी छोड़ दी है, इससे अल्ट्रासाउंड जांच पूरी तरह ठप हो गई है। अल्ट्रासाउंड के लिए आने वाले मरीजों को लौटाया जा रहा है। जिन मरीजों ने रुपये जमा कर दिए हैं, उन्हें रुपये वापस किए जा रहे हैं। एम्स में अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है और डाक्टर प्राइवेट की रिपोर्ट नहीं मान रहे हैं। इससे मरीज परेशान हैं। ज्यादातर मरीजों को प्राइवेट में जाना पड़ रहा है।
पिछले साल से ही अल्ट्रासाउंड की मिलने लगी थी सुविधा
एम्स में पिछले साल ओपीडी शुरू होने के साथ ही अल्ट्रासाउंड, एक्सरे और खून की जांच की सुविधा मिलने लगी थी। अल्ट्रासाउंड के लिए रेडियोलाजिस्ट डा. पवन कुमार मौर्य की तैनाती थी। एकमात्र रेडियोलाजिस्ट होने के कारण डा. पवन कुमार मौर्य पर काम का अतिरिक्त दबाव था। वह कम से कम एक और रेडियोलाजिस्ट की तैनाती का अनुरोध कर रहे थे। किसी की तैनाती नहीं हुई तो डा. पवन ने पिछले महीने इस्तीफा का नोटिस दे दिया। 21 अगस्त को नोटिस की समयसीमा खत्म होने के साथ ही डा. पवन एम्स से चले गए।
323 रुपये में अल्ट्रासाउंड
एम्स में अल्ट्रासाउंड की दर काफी कम है। यहां 255 रुपये से 323 रुपये तक में अल्ट्रासाउंड होता है। प्राइवेट में यही अल्ट्रासाउंड 800 से 1200 रुपये में होता है। एम्स में कम दर पर अल्ट्रासाउंड होने के कारण मरीज यहां ज्यादा पहुंचते हैं लेकिन एकमात्र डाक्टर होने के कारण रोजाना 30-35 अल्ट्रासाउंड ही हो पाते थे। अब डाक्टर के चले जाने के कारण अल्ट्रासाउंड कराने आने वालों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।
पांच मरीजों के रुपये वापस
अल्ट्रासाउंड के लिए रुपये जमा करने वाले पांच मरीज सोमवार को एम्स पहुंचे। वह जांच कक्ष में पहुंचे तो पता चला कि अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाएगा। मरीजों ने रुपये जमा होने का हवाला दिया तो वहां कर्मचारियों ने सभी को काउंटर पर भेज दिया। काउंटर से मरीजों के रुपये वापस किए गए।
प्राइवेट लैब के कर्मचारी करते हैं एक्सरे
एम्स में खून की जांच का जिम्मा प्राइवेट लैब को दिया गया है। लैब में एम्स की ओर से निर्धारित दर पर खून की जांच की जाती है। इसी लैब के कर्मचारी एक्सरे भी करते हैं।
जल्द ही स्थायी व्यवस्था की जाएगी एक्सरे के लिए
एम्स के उप चिकित्सा अधीक्षक व मीडिया प्रभारी डा. शशांक शेखर ने कहा कि रेडियोलाजिस्ट की तैनाती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिन लोगों ने अल्ट्रासाउंड जांच के लिए रुपये जमा किए हैं, वह वापस ले सकते हैं। एम्स में बाहर से अल्ट्रासाउंड की जांच रिपोर्ट मान्य नहीं है। एक्सरे के लिए भी जल्द स्थायी व्यवस्था की जाएगी।