सामान के अभाव में बंद है एम्स की आइपीडी, फेकेल्टी ने किया मीटिंग का बायकाट
एम्स में इस समय न तो इंट्राकैथ है और न ही सीरिंज-नीडिल। बोतल वाली दवाएं आइवी सेट टेप काटन बैंडेज ग्लब्स आदि भी खत्म हो चुके हैं। इसे लेकर फेकेल्टी कई बार प्रबंधन से मांग कर चुकी है लेकिन आइपीडी में सामान नहीं पहुंचे।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर एम्स में लगभग डेढ़ माह से इनडोर पेशेंट डिपार्टमेंट (आइपीडी) जरूरी सामान के अभाव में बंद है। मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे। यह बात 30 अक्टूबर को कार्यकारी निदेशक के साथ हुए फेकेल्टी (डाक्टरों) की मीटिंग में उजागर हुई। जरूरी सामान न होने को लेकर फेकेल्टी ने सवाल उठाया तो एम्स प्रबंधन का कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। इस पर फेकेल्टी ने मीटिंग का बायकाट कर दिया और सभी लोग चले गए।
आइपीडी में उपलब्ध नहीं है जरूरी सामान
एम्स में मरीजों को भर्ती कर इलाज किए जाने की व्यवस्था 14 जून को शुरू हुई है। उस समय कुछ सामान खरीदे गए। जानकार बताते हैं कि सामान ताे कागज में कई बार खरीदे गए लेकिन हकीकत में आइपीडी में कोई जरूरी सामान पहुंचा नहीं। इस समय न तो इंट्राकैथ है और न ही सीरिंज-नीडिल। बोतल वाली दवाएं, आइवी सेट, टेप, काटन, बैंडेज, ग्लब्स आदि भी खत्म हो चुके हैं।
प्रबंधन से कई बार मांग कर चुकी है फेकेल्टी
इसे लेकर फेकेल्टी कई बार प्रबंधन से मांग कर चुकी है लेकिन आइपीडी में सामान नहीं पहुंचे। इस बात की भनक लगते ही कि सामान केवल कागज में खरीदे जा रहे हैं, फेकेल्टी ने प्रबंधन के विरुद्ध आवाज उठाई। अब फेकेल्टी मरीजों की सुविधाओं के साथ समझौता करने को राजी नहीं है।
पहली बार प्रबंधन के विरुद्ध मुखर हुए डाक्टर
फेकेल्टी का नाराज होना अच्छा संकेत माना जा रहा है। इसके पहले डाक्टर सब कुछ सहते थे और प्रबंधन के खौफ से चुप रहते थे। पहली बार वे प्रबंधन के विरुद्ध मुखर हुए हैं, इसके बाद माना जा रहा है कि अब एम्स की व्यवस्था सुधरेगी।
फेकेल्टी के बायकाट करने की सूचना गेलत
एम्स की कार्यकारी निदेशक डा. सुरखा किशोर ने कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर मीटिंग थी। सभी बिंदुओं पर फेकेल्टी से चर्चा हुई है। अंत तक वे मीटिंग में रहे हैं। मीटिंग के समाप्त होने के बाद वे लोग गए हैं। फेकेल्टी के बायकाट करने के सवाल पर डा. किशोर ने कहा कि बायकाट करने की सूचना गलत है।