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कृषि मंत्री ने कहा-नई कृषि प्रौद्योगिकी को अपनाएं किसान Gorakhpur News

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों को यह सलाह बंधु सिंह डिग्री कालेज करमहा की ओर से आयोजित दो दिवसीय वेबिनार के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि किसानों की लागत को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की जरूरत है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 04:17 PM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 04:17 PM (IST)
कृषि मंत्री ने कहा-नई कृषि प्रौद्योगिकी को अपनाएं किसान Gorakhpur News
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वांचल सहित पूरे प्रदेश में कृषि को लेकर अपार संभावनाएं हैं। कृषि से अधिकतम लाभ लेने के लिए हमें परंपरागत कृषि पद्धति के स्थान पर नई प्रौद्योगिकी को अपनाने की जरूरत है। पूर्वांचल के किसानों को खाद्यान्न के स्थान पर सब्जी एवं नकदी खेती पर अधिक ध्यान देना होगा। पूर्वांचल से कृषि उत्पादों के निर्यात की भारी संभावना है। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों को यह सलाह बंधु सिंह डिग्री कालेज करमहा की ओर से आयोजित दो दिवसीय वेबिनार के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए दी।

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पूर्वांचल में कृषि आधारित उद्योग एवं रोजगार सृजन की संभावनाएं: वर्तमान परिप्रेक्ष्य विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों की लागत को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की जरूरत है।

आबादी के लिहाज से यूपी का जीडीपी में योगदान बहुत कम

मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डा. केवी राजू ने कहा कि जीडीपी में उत्तर प्रदेश का योगदान 27 प्रतिशत है, जो आबादी के लिहाज से बहुत कम है। अध्यक्षीय उद्बोधन में गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि कोरोना काल में कृषि क्षेत्र ने ही अर्थव्यवस्था में अपना स्थायित्व बनाए रखा तथा भारतीय अर्थव्यवस्था को भी संभाला। उन्होंने कृषि बाजार से किसानों को जोडऩे पर बल दिया। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज के निदेशक प्रो. एपी राव ने कहा कि कृषि उत्पादों की मार्केङ्क्षटग की आवश्यकता है, तभी इनकी बिक्री को बढ़ाया जा सकता है।

कृषि विविधता को बढ़ावा देने की जरूरत

कृषि विज्ञान केंद्र नानपारा, बहराइच के अध्यक्ष डॉ. विनायक प्रताप शाही ने कहा कि हमें कृषि क्षेत्र में बागवानी, मुर्गीपालन सहित कृषि विविधता को बढ़ावा देने की जरूरत है। विरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची के कुलपति डॉ.  ओंकारनाथ सिंह ने आधुनिक कृषि पर जोर देने की जरूरत बताते हुए मक्का की खेती को प्रोत्साहित करने की बात कही। संचालन प्राचार्य डा. यूपी सिंह और आभार ज्ञापन महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रो. जेपी शाही ने किया। वेबिनार में प्रो. राजवंत राव, डा. प्रदीप राव, प्रो. गोपाल प्रसाद, डा. संतोष सिंह, डा. अखिलेश तिवारी ने भी प्रतिभाग किया।


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