Double Murder Case: तीन घंटे की मिन्नत के बाद अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए स्वजन
देर शाम पोस्टमार्टम के बाद रामकिशुन व विशाल यादव का शव उनके गांव जद्दुपुर पहुंचा। वहां स्वजन ने अंतिम संस्कार से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि जिला प्रशासन उन्हें आर्थिक सहायता दे। स्वजनों ने कहा कि जिलाधिकारी इसके लिए आश्वासन दें उसके बाद ही वह अंतिम संस्कार करेंगे।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। झंगहा के जद्दुपुर निवासी रामकिशुन व विशाल यादव के स्वजन ने बंदूक का लाइसेंस व स्वजन को आर्थिक सहायता दिये जाने की मांग को लेकर अंतिम संस्कार से इंकार कर दिया था। इस दौरान करीब तीन घंटे तक उपजिलाधिकारी चौरीचौरा व सर्किल पुलिस स्वजनों से अनुनय विनय करती रही। करीब तीन घंटे के बाद में उपजिलाधिकारी ने मांगें पूरी करने के लिए उन्हें लिखित आश्वासन दिया। उसके बाद गोर्रा नदी के इटौआ घाट पर दोनों का अंतिम संस्कार किया गया।
छोटे भाई ने दी मुखाग्नि
देर शाम पोस्टमार्टम के बाद रामकिशुन व विशाल यादव का शव उनके गांव जद्दुपुर पहुंचा। वहां स्वजन ने अंतिम संस्कार से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि जिला प्रशासन उन्हें आर्थिक सहायता दें और दोनों परिवारों के नाम पर एक-एक बंदूक का लाइसेंस दें। स्वजनों ने कहा कि जिलाधिकारी इसके लिए लिखित आश्वासन दें, उसके बाद ही वह अंतिम संस्कार करेंगे। इस दौरान उप जिलाधिकारी चौरीचौरा अनुपम मिश्रा व पुलिस प्रशासन के लोग स्वजन से अनुनय-विनय करते रहे, लेकिन वह अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं हुए। बाद में जब एसडीएम ने लिखित आश्वासन दिया तो स्वजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। गोर्रा नदी के इटौआ घाट पर रामकिशुन को उनके पुत्र अम्ब्रीश ने व विशाल को उनके छोटे भाई विकास ने मुखाग्नि दी।
रामकिशुन को 16 व विशाल को लगे थे 20 छर्रे
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जिक्र है कि रामकिशुन को गोली के 16 व विशाल को 20 छर्रे लगे हुए थे। छर्रे दोनों के फेफड़े में लगे थे। इससे उनकी मौत हुई है।
पुलिस को लेकर आक्रोशित दिखे स्वजन
घटना को लेकर मृतक स्वजन पुलिस से नाराज दिखे। उनका कहना है कि आरोपित आये दिन विवाद करते थे। कई बार उन्होंने इसकी सूचना गोबड़ौर चौकी पुलिस को दी, लेकिन पुलिस अनदेखी करती रही। उन्होंने कहा कि घटना घटना के बाद भी पुलिस देर से गांव में पहुंची।
गांव में सन्नाटा, चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मी तैनात
घटना को लेकर जद्दुपुर में सोमवार को भी गांव में सन्नाटा पसरा रहा। गुलशन साहनी के घर पर कोई नहीं है। अन्य आरोपितों के घर पर सिर्फ महिलाएं हैं, लेकिन डर से वह भी बाहर नहीं निकल रही हैं। साहनी व यादव समुदाय के लोगों में अभी भी तनावपूर्ण स्थिति है। इस लिए एहतियातन पीएसी समेत बड़े पैमाने पर फोर्स मौजूद है। चंद्रकली व प्रियंका पहुंचे घर, अन्य घायलों का चल रहा उपचार घटना चंद्रकली व प्रियंका की स्थिति खतरे से बाहर है। उपचार के बाद सोमवार को उन्हें घर भेज दिया गया।