जिस हाथ को चूमां वही खंजर निकला...दो हत्याओं के बाद घर में अकेला बचा 12 साल का मासूम
शहरवालों की मोहब्बत का कायल हूं मैं मगर मैंनें जिस हाथ को चूमां वही खंजर निकला। अहमद फराज की ये पंक्तियां मेंहदावल के पंडितपुरवा निवासी बारह वर्षीय कन्हैया के उपर फिट बैठती है।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 20 May 2019 10:35 AM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 10:29 AM (IST)
गोरखपुर/संतकबीर नगर, अतुल मिश्र। शहरवालों की मोहब्बत का कायल हूं मैं, मगर मैंनें जिस हाथ को चूमां वही खंजर निकला। अहमद फराज की ये पंक्तियां मेंहदावल के पंडितपुरवा निवासी बारह वर्षीय कन्हैया के उपर फिट बैठती है। यह वही कन्हैया है जिसके पिता सुरेंद्र व बाबा रामविजय की उनके ही अपने पटिदारों के द्वारा लाठियों से पीट पीट कर हत्या कर दी गई। अब बारह वर्षीय कन्हैया केवल इस घर में अकेला बचा है। अनाथ कन्हैया रो रोकर खुद की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए अपने बाबा व पापा के कातिलों को सजा दिलवाने की मांग कर रहा है। कन्हैया को इस बात का डर है की जमीन के टुकडे के लालच में लोग मेरी भी हत्या कर सकते है।
कौन हमें यूं प्यार करेगा
कन्हैया जब तीन वर्ष का था तो उसकी माता का निधन हो गया था। पिता सुरेंद्र ने उसे माता और पिता दोनों का प्यार दिया। खाना बनाने से लेकर अन्य जिम्मेदारी भी उनके पिता की ही थी। कन्हैया बताता है कि पिता हमारे हमें स्कूल जाने के लिए तैयार करते थे तो बाबा खाना खिलाते थे। हमारी हर जिद को पिता और बाबा पूरा करते थे। कन्हैया यही कहते हुए फफक पडता है कि कौन हमें अब प्यार करेगा जितना हमारे बाबा और पिता करते थे।
पुलिस की लापरवाही से तबाह हुआ परिवार
जमीन के विवाद में पिता पुत्र की हत्या हुई तो उसमें पुलिस प्रशासन की लापरवाही साफ झलकती है। क्योंकि पिछले एक वर्ष में तीन बार मारपीट की घटना हुई लेकिन पुलिस ने मामले की गंभीरता को नहीं समझा जिसका परिणाम पिता पुत्र की हत्या के रुप में सामने आया। हद तो तब हो गई जब पुलिस ने हत्या के मामले में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया। पुलिस कब तक भूमि विवाद के मामलों में लापरवाही करती रहेगी और कबतक लोग अपनी जान गंवाते रहेंगे और कितने कन्हैया के अनाथ होनें का उन्हें इंतजार है यह बडा सवाल है।
यह था मामला
मेंहदावल के पंडितपुरवा गांव में एक जमीन के टुकड़े के लिए पिता रामविजय व पुत्र सुरेंद्र की लाठियों से पीट- पीट कर हत्या कर दी गई। इस घर में अब केवल मृतक सुरेंद्र का पुत्र कन्हैया बचा है जिसका पालन पोषण करने वाला कोई नहीं है। पुलिस ने मामले में पहले गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया बाद में मामला तूल पकड़ा तो हत्या में उसे आनन फानन में तरमीम किया गया। अभी तक पांच हत्या आरोपित गिरफ्तार हो चुके है दो पुलिस की पकड़ से दूर है। सवाल यह खड़ा होता है कि कबतक पुलिस पोस्टमार्टम केवल कराती रहेगी और भूमि विवाद में कब तक लोग जान देते रहेंगे व कितने कन्हैया अनाथ होते रहेंगे।
कौन हमें यूं प्यार करेगा
कन्हैया जब तीन वर्ष का था तो उसकी माता का निधन हो गया था। पिता सुरेंद्र ने उसे माता और पिता दोनों का प्यार दिया। खाना बनाने से लेकर अन्य जिम्मेदारी भी उनके पिता की ही थी। कन्हैया बताता है कि पिता हमारे हमें स्कूल जाने के लिए तैयार करते थे तो बाबा खाना खिलाते थे। हमारी हर जिद को पिता और बाबा पूरा करते थे। कन्हैया यही कहते हुए फफक पडता है कि कौन हमें अब प्यार करेगा जितना हमारे बाबा और पिता करते थे।
पुलिस की लापरवाही से तबाह हुआ परिवार
जमीन के विवाद में पिता पुत्र की हत्या हुई तो उसमें पुलिस प्रशासन की लापरवाही साफ झलकती है। क्योंकि पिछले एक वर्ष में तीन बार मारपीट की घटना हुई लेकिन पुलिस ने मामले की गंभीरता को नहीं समझा जिसका परिणाम पिता पुत्र की हत्या के रुप में सामने आया। हद तो तब हो गई जब पुलिस ने हत्या के मामले में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया। पुलिस कब तक भूमि विवाद के मामलों में लापरवाही करती रहेगी और कबतक लोग अपनी जान गंवाते रहेंगे और कितने कन्हैया के अनाथ होनें का उन्हें इंतजार है यह बडा सवाल है।
यह था मामला
मेंहदावल के पंडितपुरवा गांव में एक जमीन के टुकड़े के लिए पिता रामविजय व पुत्र सुरेंद्र की लाठियों से पीट- पीट कर हत्या कर दी गई। इस घर में अब केवल मृतक सुरेंद्र का पुत्र कन्हैया बचा है जिसका पालन पोषण करने वाला कोई नहीं है। पुलिस ने मामले में पहले गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया बाद में मामला तूल पकड़ा तो हत्या में उसे आनन फानन में तरमीम किया गया। अभी तक पांच हत्या आरोपित गिरफ्तार हो चुके है दो पुलिस की पकड़ से दूर है। सवाल यह खड़ा होता है कि कबतक पुलिस पोस्टमार्टम केवल कराती रहेगी और भूमि विवाद में कब तक लोग जान देते रहेंगे व कितने कन्हैया अनाथ होते रहेंगे।
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