Move to Jagran APP

फर्जी नियुक्ति : गिरफ्तारी के बाद स्टेनो ने कहा, बीएसए ने भी लिए 10 लाख रुपये Gorakhpur news

सिद्धार्थनगर के BSA रामसिंह भी फर्जी नियुक्ति मामले में घिर गए हैं। BSA के स्टेनो ने एसटीएफ को बताया कि बर्खास्त शिक्षकों को बहाल करने के लिए बीएसए ने 10 लाख रुपये लिए थे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 11:34 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 03:40 PM (IST)
फर्जी नियुक्ति : गिरफ्तारी के बाद स्टेनो ने कहा, बीएसए ने भी लिए 10 लाख रुपये Gorakhpur news
फर्जी नियुक्ति : गिरफ्तारी के बाद स्टेनो ने कहा, बीएसए ने भी लिए 10 लाख रुपये Gorakhpur news

गोरखपुर, सतीश कुमार पांडेय। फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में बीएसए सिद्धार्थनगर रामसिंह घिर गए हैं। स्टेनो ने एसटीएफ को बताया कि बर्खास्त 29 शिक्षकों को बहाल करने के लिए बीएसए ने 10 लाख रुपये लिए थे, उसे अलग से पांच लाख रुपये मिले। देवरिया के रहने वाले राकेश सिंह के जरिए डील हुई। बर्खास्त हुए अधिकांश शिक्षकों की नियुक्ति राकेश ने कराई थी। अश्वनी श्रीवास्तव बाबू ने सबका फर्जी प्रमाणपत्र बनवाया था।

loksabha election banner

उच्‍चाधिकारियों का आदेश भी नहीं माना

6 जुलाई 2019 को हरेंद्र सिंह बीएसए सिद्धार्थनगर का स्टेनो नियुक्त हुआ। भ्रष्टाचार में लिप्त होने की वजह से 6 सितंबर 2019 को उसका तबादला श्रावस्ती जिले के टीचर ट्रेनिंग सेंटर इकौना में हो गया। लेकिन बीएसए ने स्थानांतरण रोकने के लिए अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक) प्रयागराज को पत्र लिख दिया। उच्‍चाधिकारियों का आदेश होने के बाद भी उसे रिलीव नहीं किया।

बीएसए को थी पूरी जानकारी

हरेंद्र ने एटीएफ को बताया कि उसके कृत्य की जानकारी बीएसए को थी। 22 सितंबर को बर्खास्त शिक्षक रमेश चंद्र शुक्ल, प्रतापगढ़ का रहने वाले हिमांशु सिंह, फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे सच्चिदानंद पांडेय, प्रतिभा मिश्र के पति अवधेश मिश्र अपनी रिश्तेदार सुरभि उपाध्याय के साथ गोंडा आए। होटल जेके पैलेस में इन लोगों से मुलाकात हुई। जिसमें 29 बर्खास्त शिक्षकों को बहाल करने और कई लोगों की नियुक्ति कराने की डील हुई।

नीचे से ऊपर तक थी मिलीभगत

योजना के अनुसार उसने सुशील श्रीवास्तव बाबू की मदद से बर्खास्त शिक्षकों को नोटिस भेजा गया। सभी से जवाब में लिखवा लिया गया कि टीईटी का अंकपत्र 2011 और 2013 का है। इस संबंध में शासन से पत्राचार कर मामले को लटकाना था। इस बीच परीक्षा नियामक कार्यालय प्रयागराज के बाबू की मदद से टीईटी के अंकपत्र को ठीक कराकर फिर से सबकी नौकरी लगवा देते। हरेंद्र ने बताया कि गोरखपुर में तैनात शिक्षक ने भी कई कई फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति कराई है। इस संबंध में बीएसए सिद्धार्थनगर रामसिंह का पक्ष लेने का प्रयास किया गया लेकिन मोबाइल फोन पर संपर्क नहीं हो सका। उनका पक्ष आने पर प्रकाशित किया जाएगा।

दो कंपनी का मालिक भी है स्टेनो

एसटीएफ के हत्थे चढ़ा बीएसए का स्टेनो दो कंपनी का मालिक भी है। दोनों कंपनियां गोंडा में है। एसटीएफ को हरेंद्र ने बताया कि लोन लेकर उसने कंपनी खोला है। रिश्वत के रुपये से किस्त चुकाता था।

15 दिन से पीछा कर रही थी एसटीएफ

स्टेनो के करतूत की खबर लगने के बाद एसटीएफ इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश सिंह अपने सहयोगी जशवंत सिंह, प्रेमशंकर सिंह, आशुतोष तिवारी, अनूप राय, उमेश, महेंद्र और धनंजय के साथ सभी आरोपितों की गतिविधि पर नजर रखे हुए थे। सोमवार को मौका मिलते ही हरेंद्र सिंह और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार कर फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया।

एसटीएफ ने गोरखपुर से किया था गिरफ्तार

एसटीएफ की गोरखपुर इकाई ने सोमवार को सिद्धार्थनगर बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) के स्टेनो, एक फर्जी शिक्षक समेत पांच लोगों को गोरखपुर क्लब के पास से गिरफ्तार किया था। इनसे रिश्वत के 2.50 लाख रुपये, फर्जी प्रमाण पत्र, स्कॉर्पियो गाड़ी और कई जनप्रतिनिधियों के लेटर पैड मिला था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.