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Gorakhpur Zoo कड़ा प्रशिक्षण, मनोवैज्ञानिक स्थिति जांचने के बाद दर्शकों के सामने आएंगे जानवर Gorakhpur News

शहीद अशफाकउल्ला खां प्राणि उद्यान (Gorakhpur Zoo) में आने वाले जानवरों को दर्शकों के सामने आने से पहले कड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 10:46 AM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 09:09 AM (IST)
Gorakhpur Zoo कड़ा प्रशिक्षण, मनोवैज्ञानिक स्थिति जांचने के बाद दर्शकों के सामने आएंगे जानवर Gorakhpur News
Gorakhpur Zoo कड़ा प्रशिक्षण, मनोवैज्ञानिक स्थिति जांचने के बाद दर्शकों के सामने आएंगे जानवर Gorakhpur News

गोरखपुर, डॉ. राकेश राय। शहीद अशफाकउल्ला खां प्राणि उद्यान (Gorakhpur Zoo) में आने वाले जानवर यहां पहुंचने के बाद सीधे दर्शकों के अवलोकनार्थ नहीं लाए जाएंगे। दर्शकों के सामने लाने से पहले उनके मन-मिजाज को समझा जाएगा और फिर स्थानीय माहौल में रहने का उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। इस दौरान उनकी गहन चिकित्सीय जांच भी की जाएगी। इसे लेकर चिडिय़ाघर प्रशासन ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। ट्रेनिंग के लिए चिडिय़ाघर में क्वैरेंटाइन सेंटर तैयार किया जा रहा है। हर जानवरों की प्रशिक्षण अवधि कम से कम 21 दिन की होगी।

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जानवरों को लाने की चल रही है तैयारी

चिडिय़ाघर में जानवरों को लाने की तैयारी जोरशोर से चल रही है। हर वह कोशिश की जा रही है कि यहां आने के बाद जानवरों को किसी तरह की दिक्कत न हो। क्वैरेंटाइन सेंटर ऐसी ही दिक्कतों को दूर करने के लिए बनाया जा रहा है। सेंटर में जानवरों की प्रकृति और स्वभाव का अध्ययन किया जाएगा। साथ ही उनके खानपान और चिकित्सीय जरूरत यानी टीका आदि का चार्ट तैयार किया जाएगा। यह सारे कार्य केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण के मानक के अनुरूप किए जाएंगे। अंत में उन्हें स्थानीय वातावरण के अनुकूल रिहाइश के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

मनोवैज्ञानिक स्थिति का होगा आकलन

प्रशिक्षण के दौरान जानवरों की मनोवैज्ञानिक स्थिति के आकलन के लिए सीसीटीवी कैमरे का इस्तेमाल किया जाएगा। कैमरे में रिकार्ड की गई जानवरों की गतिविधियों का अध्ययन कर उनके लिए उपयुक्त माहौल बनाया जाएगा। हालांकि सभी जानवर किसी न किसी चिडिय़ाघर से ही लाए जा रहे हैं, बावजूद इसके दर्शकों से प्रभावित न होने के लिए भी उन्हें स्थानीय माहौल के अनुरूप प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए बाकायदा दो दर्जन जू-कीपर्स की तैनाती की तैयारी की जा रही है। 15 जू-कीपर्स की लखनऊ और कानपुर चिडिय़ाघर में इसे लेकर ट्रेनिंग भी शुरू हो चुकी है। जू-कीपर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ठीक से कर रहे हैं या नहीं, इसकी त्रिस्तरीय मॉनीटरिंग की जाएगी।

चिडिय़ा घर में बनाए जा रहे पांच क्वैरेंटाइनन सेंटर

जानवरों की प्रकृति के मुताबिक चिडिय़ाघर में फिलहाल पांच क्वैरेंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं। बब्बर शेर, बाघ और तेंदुआ के लिए विशेष तौर से सेंटर तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा हिरन प्रजाति, छोटे जानवरों, सियार-लोमड़ी और पक्षियों के लिए अलग से सेंटर बनाया जा रहा है।

प्रशिक्षित किए जाएंगे सेंटर के पशु चिकित्सक

क्वैरेंटाइन सेंटर में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पशु चिकित्सक को प्रदेश के लखनऊ, कानपुर और इटावा लायन सफारी में प्रशिक्षित किया जा सकेगा। जिससे कि वह चिडिय़ाघर में रहने वाले जानवरों की चिकित्सीय जरूरतों को जान और समझ सकें। साथ ही विषम परिस्थितियों में उन्हें नियंत्रित करने का गुर भी सीख सकें। बीते दिनों एक पशु चिकित्सक की तैनाती चिडिय़ाघर के लिए की गई।

निरीक्षण के बाद बाड़े में डाले जाएंगे जानवर

क्वैरेंटाइन सेंटर से जानवरों को चिडिय़ाघर के बाड़े में तब डाला जाएगा, जब केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण (सीजेडए) की टीम निरीक्षण करके अपनी सकारात्मक रिपोर्ट देगी। टीम अगर कोई कमी बताती है कि सेंटर में जानवरों के रहने की अवधि बढ़ा दी जाएगी और कमियों को दुरुस्त किया जाएगा।

जानवरों की हर तरह से दुरुस्तगी तय होने के बाद ही उन्हें दर्शकों के अवलोकनार्थ बाड़े में डाला जाए, इसके लिए ही क्वैंरेंटाइन सेंटर तैयार किया जा रहा है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जब कार्यदायी संस्था इसे चिडिय़ाघर को सौंप देगी तो जानवरों को गोरखपुर लाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। - संजय कुमार मल्ल, सहायक वन संरक्षक, शहीद अशफाकउल्लाह खां प्राणि उद्यान, गोरखपुर। 


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