चार माह बाद 25 रुपये से नीचे आया आलू- प्याज का भाव भी हुआ कम
गोरखपुर के थोक मंडी में आलू की कीमत 25 रुपये से नीचे हो गई है। मंडी में आलू 20 से 22 तो लाल आलू 25 रुपये किलो बिक रहा है। फुटकर में सफेद आलू 25 से 28 तथा लाल आलू 30 से 32 रुपये किलो बेचा जा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। आलू-प्याज के बढ़ते दामों से परेशान लोगों के लिए राहत भरी खबर है। चार माह में पहली बार थोक मंडी में आलू की कीमत 25 रुपये से नीचे आई है। मंडी में लाल सफेद आलू 20 से 22 तो लाल आलू 25 रुपये किलो बिक रहा है। जबकि फुटकर में सफेद आलू 25 से 28 तथा लाल आलू 30 से 32 रुपये किलो बेचा जा रहा है। वहीं प्याज थोक में 30 से 32 तो फुटकर में 35 से 40 रुपये किलो के बीच मिल रही है। थोक कारोबारियों के मुताबिक दोनों की आवक भरपूर है इसलिए जल्द ही दाम में और भी गिरावट देखने को मिलेगी।
इसलिए कम हुए भाव
कानपुर, बिल्लौर एवं त्रिरुआ से प्रतिदिन छह से आठ गाड़ी आलू तथा नासिक व शाजापुर से पांच गाड़ी प्याज मंडी में पहुंच रहा है। दाम कम होते ही गली-मोहल्लों में आलू-प्याज के ठेले नजर आने लग हैं। सूरजकुंड निवासी सारिक गुप्ता ने बताया कि बाजार जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है क्योंकि घर पर ही वाजिब दाम पर आलू-प्याज के साथ-साथ हरी सब्जियां भी उपलब्ध हाे जा रही हैं। अच्छे किस्म का लाल आलू 32 तो प्याज 40 रुपये किलो मिल रहा है। दाेनों की कीमतें 30 रुपये के नीचे आ जाए तो बेहतर रहेगा। रसूलपुर की मोहसीना रईस ने बताया कि महंगे आलू-प्याज से बहुत हद तक राहत मिल गई है। नवंबर में 80 रुपये प्याज और 60 रुपये किलो आलू खरीदना पड़ा था। महंगा होने के कारण सब्जी और मीट में प्याज डालना कम कर दिया है। थोक कारोबारी मोहम्मद शम्स के मुताबिक मंडी में आलू-प्याज की आवक बढ़ने से दोनों के दाम में कमी आई है। दोनों की पैदावार भरपूर हाेने से कई महीनों तक दाम बढ़ने के आसार नहीं हैं।
40 रुपये किलो मटर
अमृतसर से आने वाली मटर के दामों में भी गिरावट आई है। दो दिन पहले तक 60 रुपये किलो बिकने वाला मटर 40 रुपये मिल रहा है। कहीं-कहीं बासी मटर 30 रुपये किलो बेची जा रही है। इसी तरह गोभी गोभी 24 से 28, साग 18 से 20, बैंगन 30 से 36, फूल गोभी 25 से 36, टमाटर 20 से 60, धनिया की पत्ती 40, मूली 10 से 12 और हरी मिर्च 50 रुपये किलो की दर से बिक रही है। थोक कारोबारी हाजी रमजान मेकरानी के मुताबिक फुटकर में अब भी सब्जियां महंगी बिक रही है। लोकल के नाम पर कई विक्रेता ग्राहकों से दोगुनी कीमत वसूल रहे हैं।