विद्युतीकरण के बाद अब दोहरीकरण की तैयारी Gorakhpur News
पूर्वोत्तर रेलवे में दोहरीकरण कार्य तेजी से चल रहा है। दोहरीकरण हो जाने के बाद रेल लाइनों की क्षमता बढ़ जाएगी। जिसका उपयोग नई ट्रेनों को चलाने के लिए किया जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। विद्युतीकरण के साथ दोहरीकरण पर भी रेलवे बोर्ड का विशेष जोर है। बजट में इसके लिए पर्याप्त धन का इंतजाम किया गया है। सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही दोहरीकरण कार्यों को पूरा करने के लिए 1400 करोड़ रुपये मिले हैं। इससे औडि़हार-बलिया-वाराणसी तथा मडुआडीह-प्रयागराज रामबाग रेल मार्ग के दोहरीकरण कार्य में और तेजी आएगी। इस रेल मार्ग पर 20 किलोमीटर (किमी) कार्य पूरा हो चुका है।
यहां पर चल रहा कार्य
सीतापुर-बुढ़वल और औडि़हार-जौनपुर में भी दोहरीकरण कार्य चल रहा है। बजट मिलते ही गोरखपुर-नकहा तक करीब साढ़े पांच किमी लंबी रेल लाइन का दोहरीकरण भी शुरू हो गया है। यह कार्य मार्च 2021 तक पूरा हो जाएगा। गोरखपुर कैंट-पनियहवां करीब 90 किमी तथा भटनी-औडि़हार लगभग 120 किमी रेलमार्ग पर भी दोहरीकरण की तैयारी शुरू हो गई है।
यहां पर इलेक्ट्रिक इंजन चलने शुरू
कैंट-पनियहवां मार्ग पर तो इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें भी चलने लगी हैं, वहीं भटनी-औडि़हार रेलमार्ग का भी विद्युतीकरण पूरा हो चुका है। इसके अलावा डोमिनगढ़-गोरखपुर-कैंट-कुसम्ही रेलमार्ग पर तीसरी लाइन का कार्य भी चल रहा है। दिसंबर 2020 तक गोरखपुर कैंट से कुसम्ही तक तीसरी लाइन बिछ जाएगी। डोमिनगढ़ से गोरखपुर कैंट तक कार्य पूरा होने में अभी दो वर्ष का समय लगेगा।
इन रूटों का होना है दोहरीकरण
छपरा- वाराणसी रूट पर छपरा-बलिया, बलिया-गाजीपुर सिटी, गाजीपुर सिटी-औडि़हार, मडुआडीह-प्रयागराज रामबाग रूट पर वाराणसी-माधोसिंह-प्रयागराज रामबाग के अलावा फेफना-इंदारा, मऊ-शाहगंज, रोजा-सीतापुर कैंट-बुढ़वल, मल्हौर-डालीगंज।
रेल लाइनों की बढ़ेगी क्षमता
इस संबंध में पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि पूर्वोत्तर रेलवे में दोहरीकरण कार्य तेजी से चल रहा है। दोहरीकरण हो जाने के बाद रेल लाइनों की क्षमता बढ़ जाएगी। जिसका उपयोग नई ट्रेनों को चलाने के लिए किया जाएगा।