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मिड डे मील का जल्‍द से जल्‍द दें हिसाब, वरना हो जाएग हिसाब Gorakhpur News

कोरोनाकाल में लाकडाउन व ग्रीष्मावकाश की अवधि में शासन द्वारा मध्याह्न भोजन योजना से आच्छादित स्कूलों में नामांकित छात्र-छात्राओं को खाद्यान्न व परिवर्तन लागत उपलब्ध कराया गया था। कई माह गुजरने के बाद भी उपभोग प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 02:55 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 07:22 PM (IST)
मिड डे मील का जल्‍द से जल्‍द दें हिसाब, वरना हो जाएग हिसाब Gorakhpur News
गोरखपुर के जिला अधिकारी की फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। मिड-डे-मील के उपभोग प्रमाण पत्र को लेकर पहले विभाग अब जिला प्रशासन ने भी सख्ती शुरू कर दी है। कोरोनाकाल में बच्चों को 76 दिन के मध्याह्न भोजन का खाद्यान्न व परिवर्तन लागत की धनराशि उपलब्ध कराने के बाद अब प्रशासन ने जिले के सभी खंड शिक्षाधिकारियों से शीघ्र इसका उपभोग प्रमाण पत्र मांगा है। शिथिलता बरतने वाले खंड शिक्षाधिकारियों पर जिला प्रशासन उन्हें नोटिस देने की कार्रवाई करेगा।

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कोरोनाकाल से अब तक नहीं मिला हिसाब

कोरोनाकाल में लाकडाउन व ग्रीष्मावकाश की अवधि में शासन द्वारा मध्याह्न भोजन योजना से आच्छादित स्कूलों में नामांकित छात्र-छात्राओं को खाद्यान्न व परिवर्तन लागत उपलब्ध कराया गया था। कई माह गुजरने के बाद भी अब तक खंड शिक्षाधिकारियों द्वारा किसी भी विद्यालय का उपभोग प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं कराया गया। जिसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों से उपभोग प्रमाण पत्र जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

इन स्कूलों में संचालित हैं मिड-डे-मील योजना

जनपद में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों की कुल संख्‍या 2504 है। इसमें बेसिक शिक्षा द्वारा अनुदानित स्कूल 83 है और माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित स्कूलों की संख्‍या 122 है।

प्रधान नहीं करेंगे एमडीएम के खाते का संचालन

पंचायत चुनाव के मद्देनजर व नए प्रधान के निर्वाचन तक मिड-डे-मील के खाते का संचालन प्रधान से न कराकर प्रधानाध्यापक व अभिभावक संघ अध्यक्ष द्वारा संयुक्त रूप से कराया जाएगा। जबकि जहां पार्षद संचालित कर रहे हैं वहां व्यवस्था यथावत रहेगी। शासन ने इसको लेकर समस्त जिलाधिकारियों व बीएसए को निर्देश दे दिए हैं। मिड-डे-मील के जिला समन्‍वयक दीपक पटेल का कहना है कि उपभोग प्रमाण पत्र को लेकर जिला बेसिक शिक्षाधिकारी गंभीर हैं। ऐसे में जिले में एमडीएम से आच्छादित उन स्कूलों के प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य जो अब तक उपभोग प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराएं हैं वह तत्काल बीईओ कार्यालय में इसे दे दें,  जिससे शासन को इसकी सूचना प्रेषित की जा सकें।


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