Move to Jagran APP

अब गोरखपुर वन प्रभाग के 16 माफिया पर शिकंजा कसने की तैयारी

प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) ने गोरखपुर वन प्रभाग के महराजगंज और गोरखपुर पुलिस को माफिया की सूची भेजकर उनके विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई करने और संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू करने की सिफारिश की है। नए वन माफिया भी सूचीबद्ध हो रहे हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 01:07 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 02:23 PM (IST)
अब गोरखपुर वन प्रभाग के 16 माफिया पर शिकंजा कसने की तैयारी
प्रभागीय वनाधिकारी अवनीश कुमार की फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। वन माफिया जैसराम निषाद और उसके चचेरे भाई मनोज की संपत्ति कुर्ककरने के बाद अब 16 अन्य वन माफिया पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है। प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) ने गोरखपुर वन प्रभाग के महराजगंज और गोरखपुर पुलिस को माफिया की सूची भेजकर उनके विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई करने और संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू करने की सिफारिश की है। इस बीच वन विभाग ने नए वन माफियाओं को चिन्हित कर सूचीबद्ध करने का काम भी शुरू कर दिया है।

loksabha election banner

कैपियरगंज क्षेत्र के रहने वाले वन माफिया जैसराम निपाद पर कटान और लकड़ी तस्करी के डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमें दर्ज हैं। इस आधार पर वन विभाग ने उसे माफिया के तौर पर सूचीबद्ध कर रखा था। उसके चचेरे भाई मनोज को उसके गैंग के सक्रिय सदस्य के रूप में चिन्हित किया गया था। वन विभाग की सिफारिश पर गोरखपुर पुलिस ने उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई कर जिलाधिकारी से उसकी संपत्ति जब्त करने की सिफारिश की थी। जिलाधिकारी के निर्देश पर कैपियरगंज तहसीलदार ने मंगलवार को जैसराम के रिहायशी मकान और दो खेत कुर्क कर लाया। उसके चचेरे भाई की बोलेरो भी जब्त की गई है।

जैसराम के विरुद्ध कार्रवाई के बाद वन विभाग पहले से चिन्हित अन्य माफियाओं के विरुद्ध गैंगस्टर और संपत्ति जब्ती की कार्रवाई कराने की प्रक्रिया तेज कर दी है। प्रभागीय वनाधिकारी अवनीश कुमार ने बताया कि पहले से चिन्हित वन माफिया के विरुद्ध बहुत जल्दी कार्रवाई की जाएगी। नए माफिया भी चिन्हित किए जा रहें हैं।

वन विभाग की छापेमारी में दो ट्राली लकड़ी बरामद

फरेंदा वन क्षेत्र के लोधपुर गांव में बुधवार को गाेरखपुर प्रभाग के डीएफओ अविनश कुमार की टीम ने छापेमारी कर दो ट्राली अवैध रूप से काटी गई लकड़ी बरामद किया है। वन विभाग की टीम को देखते हुए मौके से आरोपित घर छोड़कर फरार हो गए। बरामद साखू व सागौन की लकड़ियां घराें में छिपाकर रखी गईं थी। बुधवार को डीएफओ अविनाश कुमार व प्रशिक्षु डीएफओ सिरिन सिद्दीकी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में फोर्स  सुबह जब गांव में पहुंची तो गांव छावनी में तब्दील हो गया। सूचना थी कि गांव के अधिकांश घरों व परगापुर ताल में जंगल से लकड़ियां काटकर रखीं गईं हैं। टीम ने गांव के दर्जन भर घरों में छापेमारी की,  जहां से लगभग दो ट्राली कीमती लकड़ियां बरामद हुईं। डीएफओ अविनाश कुमार ने कहा कि लकड़ियों  का मिलान किया जा रहा है। जिनके भी घर से लकड़ियां बरामद हुईं हैं, उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।

इस दौरान फरेंदा रेंजर विजय श्रीवास्तव, कैम्पियरगंज शाजिद अली, अरुण कुमार सिंह, ओंम कारनाथ वरुण, राहुल सिंह, हरकेश बहादुर, दिनेश चौरसिया, शमशाद अली, राम लखन यादव, कमलेश कुमार यादव, पंकज नरेंद्र सहित अन्य वनकर्मी मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.