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सगे भाई, गवाह व नगर निगम के कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई

राप्तीनगर फेज चार के रेल विहार निवासी राकेश पांडेय का मृत्यु प्रमाण पत्र नगर निगम के कर्मचारियों की लापरवाही से बना था। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंप दी है। रिपोर्ट में सगे बड़े भाई राजेश मोहन पांडेय को झूठी सूचना देने का आरोपित बताया गया है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Thu, 16 Dec 2021 01:02 PM (IST)Updated: Thu, 16 Dec 2021 01:02 PM (IST)
सगे भाई, गवाह व नगर निगम के कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई
सगे भाई, गवाह व नगर निगम के कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। राप्तीनगर फेज चार के रेल विहार निवासी राकेश पांडेय का मृत्यु प्रमाण पत्र नगर निगम के कर्मचारियों की लापरवाही से बना था। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंप दी है। रिपोर्ट में राकेश पांडेय के सगे बड़े भाई राजेश मोहन पांडेय को झूठी सूचना देने का आरोपित बताया गया है। कमेटी ने आवेदक, दो गवाह और जांच से जुड़े जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है।

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पीडि़त ने कमेटी के सामने दर्ज कराया बयान

15 दिसंबर को राकेश पांडेय ने नगर आयुक्त की ओर से गठित पांच सदस्यीय कमेटी के सामने बयान दर्ज कराया था। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि मामला बहुत गंभीर है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह है मामला

रेलवे में काम करने वाले जगदीश प्रसाद पांडेय की मौत वर्ष 2007 में हो गई थी। उनके दो बेटे राजेश मोहन पांडेय और राकेश कुमार पांडेय व बेटी प्रतिभा जोशी हैं। राकेश दिल्ली में नौकरी करते हैं, राजेश शहर में मार्बल की दुकान चलाते हैं। राकेश ने नगर आयुक्त को पत्र देकर बताया कि वह जिंदा हैं लेकिन नगर निगम ने उनका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया।

बेटे, बेटियां हैं पर मृत्‍यु प्रमाण पत्र में दिखाया गया था मृत

राकेश ने बताया कि उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। उम्र 49 साल है लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र में उन्हें अविवाहित दर्शाते हुए उम्र 35 साल दिखायी गई है। इस मामले में 'दैनिक जागरणÓ ने राजेश मोहन पांडेय से बात की थी। बताया था कि कोरोना संक्रमण काल में भाई की मौत की जानकारी हुई थी। जिस रिश्तेदार ने मौत की जानकारी दी थी उनकी भी 19 अप्रैल को कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। भाई से कोई संपर्क भी नहीं हो सका था। उन्होंने अपनी गलती मानते हुए कहा था कि, 'भाई जीवित प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करे, मैं अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दूंगा।Ó


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