मेडिकल कालेज गोरखपुर के प्राचार्य और सीएमएस महाराजगंज पर कार्रवाई की गाज
जेई से आठ वर्षीय बालक के इलाज में लापरवाही बरते जाने के लिए सीएमएस महाराजगंज का भी वेतन बाधित करने का आदेश दिया।
गोरखपुर: स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही को लेकर मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर पूरी तरह से खफा दिखे। कोरोना मरीज के इलाज में लापरवाही बरते जाने पर मेडिकल कालेज गोरखपुर के प्राचार्य गणेश कुमार का वेतन बाधित करने का निर्देश देते हुए स्पष्टीकरण मांगा। जेई से आठ वर्षीय बालक के इलाज में लापरवाही बरते जाने के लिए सीएमएस महाराजगंज का भी वेतन बाधित करने का आदेश दिया। फरेन्दा तहसील सभागार में बुधवार को मंडलायुक्त स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कोरोना, संचारी रोग जेई/एइएस व स्वच्छता की समीक्षा बैठक करते हुए सख्त निर्देश दिया कि लापरवाही किसी भी दशा में क्षम्य नहीं होगी। इस दौरान यह बात सामने आई कि कोरोना मरीज को वेंटीलेटर की आवश्यकता होने के बावजूद मेडिकल कालेज गोरखपुर में किसी प्रकार का रिस्पांस नहीं मिला। भर्ती न कर मेडिकल कालेज बस्ती भेज दिया गया। इस पर मंडलायुक्त ने एडी हेल्थ गोरखपुर व सीएमओ के प्रति नाराजगी जताई। मेडिकल कालेज के प्राचार्य से स्पष्टीकरण तलब करते हुए वेतन बाधित करने की संस्तुति करने का निर्देश एडी हेल्थ को दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना को सामान्य रोग न समझें। इसे पूरी गंभीरता से लें, पूरी निष्ठा के साथ कार्य करें। फरेन्दा ब्लाक के भारीभैसी के जेई पीड़ित आठ वर्षीय बालक को हास्पिटल में भर्ती न कर जिला अस्पताल के डा. राकेश रमन व विशाल चौधरी द्वारा प्राइवेट में अपने आवास पर इलाज करने से मौत होने का कारण मानते हुए कमिश्नर ने इनके कार्यों के मजिस्ट्रीयल जांच का आदेश जिलाधिकारी को दिया। इसमें लापरवाही बरतने के आरोप में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एके राय का वेतन भी बाधित करने का आदेश दिया। इस दौरान जिलाधिकारी डा. उज्ज्वल मुख्य विकास अधिकारी पवन अग्रवाल, एडी गोरखपुर, सीएमओ तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे ।